हिंदी का अपमान, स्थाई शिक्षक भर्ती 2018 में अंतिम स्थान…

14 सितंबर को पूरा देश राष्ट्रीय हिन्दी दिवस के रुप में माना रहा है। हिन्दी  भाषा के विकास के लिए भी संविधान में कई प्रकार के प्रावधान किए गए हैं उसके बावजूद भी मध्यप्रदेश की स्थाई शिक्षक भर्ती 2018 में मातृभाषा हिन्दी के साथ सौतेला व्यवहार किया गया, उच्च एवं माध्यमिक स्थाई शिक्षक भर्ती में भी मातृभाषा हिन्दी के नाम मात्र के पद घोषित किए गए हैं जिससे हिन्दी विषय से पात्रता परीक्षा क्वालिफाइड अभ्यर्थी शिक्षक बनने से वंचित हो गए जबकि हिन्दी विषय के हजारों पद रिक्त हैं जिन पर अतिथि शिक्षकों से अध्यापन का कार्य कराया जाता है।  पिछले 6 वर्षों से इन शेष अभ्यर्थियों द्वारा माध्यमिक शिक्षक भर्ती में हिन्दी सहित उर्दू ,विज्ञान,सामाजिक ,विज्ञान एवं संस्कृत जिसे महत्वपूर्ण एवं अनिवार्य विषयों के पदों में वृद्धि की मांग की जा रही हैं !  शिक्षक पात्रता परीक्षा संघ के प्रदेश संयोजक श्यामलाल रविदास सहित अन्य ने बतलाया है कि मध्य प्रदेश हमारा हिन्दी प्रदेश है उसके बावजूद भी हमारी  मातृभाषा हिन्दी को माध्यमिक शिक्षक भर्ती के अंतर्गत विषयों की संरचना के आधार पर छठवां स्थान प्रदान किया गया है जबकि मातृभाषा हिन्दी को प्रथम स्थान प्रदान किया जाना चाहिए था ! जहां एक तरफ मध्यप्रदेश में मेडिकल एवं इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिन्दी में कराई जा रही है वहीं शिक्षक भर्ती में मातृभाषा के नाम मात्र के पद घोषित कर सरकार मातृभाषा हिन्दी को अंतिम स्थान देकर हिन्दी का अपमान कर रही है। अभ्यर्थियों ने ये भी बतलाया हैं कि शिक्षक भर्ती के प्रथम एवं द्वितीय चरण होने के बाद भी माध्यमिक शिक्षक भर्ती के सभी विषयों के 2,237 एवं उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती के 5,935 पद आज तक शेष है, इन पदों पर अभी तक तीसरी काउंसलिंग नहीं की जा रही है जिस कारण अभ्यर्थी अपनी निर्धारित आयु सीमा को पार कर रहे हैं और नियुक्ति के लिए बार-बार धरना प्रदर्शन करने के लिए मजबूर हो रहे हैं।

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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