भोपाल। प्रदेश भाजपा में जिला अध्यक्षों की नियुक्ति का सिलसिला जारी है। अभी तक 62 में से 57 जिला अध्यक्ष घोषित हो चुके हैं। इनमें 6 महिला जिला अध्यक्ष हैं लेकिन प्रदेश की आर्थिक राजधानी और राजनीति का सबसे महत्वपूर्ण केंद्र इंदौर के दोनों अध्यक्षों का फैसला बड़ों के झगड़ों के चलते टलते जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के खिलाफ कैबिनेट मंत्री तुलसी सिलावट के नेतृत्व में चार विधायकों ने एकजुटता दर्शाई है। खास तौर पर इंदौर ग्रामीण जिले में मौजूद जिला अध्यक्ष चिंटू वर्मा के खिलाफ तुलसी सिलावट ने अंतर दयाल का नाम आगे किया है। अंतर दयाल को उषा ठाकुर और मनोज पटेल का भी समर्थन हासिल है। चिंटू वर्मा 1 वर्ष पूर्व ही जिला अध्यक्ष नियुक्त हुए थे। चिंटू वर्मा कैलाश विजयवर्गीय के कट्टर समर्थक माने जाते हैं। कैलाश विजयवर्गीय के विरोधियों का कहना है कि ग्रामीण जिले में उनका दखल अनावश्यक है। दूसरी और कैलाश विजयवर्गीय की जिले की राजनीति में जो हैसियत है उसको देखते हुए पार्टी का प्रदेश नेतृत्व उनकी यानी श्री विजयवर्गीय की उपेक्षा करने की स्थिति में नहीं है। इसके अलावा इंदौर नगर भाजपा अध्यक्ष पद को लेकर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा, संगठन महामंत्री हितानंद, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर की भी दिलचस्पी है। इसी वजह से इंदौर जिले के दोनों अध्यक्षों को होल्ड पर रखा गया है। भाजपा में चर्चा है कि प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद इंदौर जिले का फैसला होगा। जबकि प्रदेश भाजपा ने संकेत दिया है कि एक-दो दिन में इंदौर का फैसला हो जाएगा। दरअसल,कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय इंदौर जिले की राजनीति में सब भारी पड़ रहे हैं। जिले में सभी नौ विधायक भाजपा के हैं, लेकिन खास तौर से उषा ठाकुर, मनोज पटेल और मालिनी गौड़ कैलाश विजयवर्गीय के घनघोर विरोधी माने जाते हैं। मधु वर्मा और महेंद्र हार्डिया न्यूट्रल माने जाते हैं।जबकि तुलसी सिलावट पिछले कुछ महीने पहले तक कैलाश विजयवर्गीय की तरफ झुकाव रखते थे लेकिन अब स्थिति बदल गई है। दरअसल,जब से तुलसी सिलावट ने अंतर दयाल का नाम जिला अध्यक्ष की रायशुमारी में आगे बढ़ाया है तब से जिले की राजनीति के समीकरण बदल गए हैं। उषा ठाकुर और मनोज पटेल कैलाश विजयवर्गीय के बढ़ते हस्तक्षेप और उनकी ताकत के समक्ष खुद को असाहय महसूस कर रहे हैं। इसलिए उन्होंने तुलसी सिलावट को कैलाश विजयवर्गीय के समक्ष आगे किया है। दरअसल,
प्रदेश में भाजपा के जिला अध्यक्षों की कई सूची आ चुकी हैं, पर उसमें इंदौर के शहर और जिलाध्यक्ष के नाम नहीं आए। वरिष्ठ पदाधिकारियों की तमाम कोशिशों के बावजूद इंदौर के अध्यक्ष तय नहीं हो पा रहे हैं। दरअसल इंदौर के दोनों मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और तुलसी सिलावट जिलाअध्यक्ष पद पर अपने समर्थक चाहते हैं। दोनों मंत्रियों ने इसे प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया है और अपने समर्थकों को अध्यक्ष पद की कुर्सी पर देखने के लिए पूरी ताकत लगा दी है। इस कारण सूची जारी नहीं हो पाई।
कैबिनेट मंत्री विजयवर्गीय अपने खास समर्थक चिंटू वर्मा को रिपीट कराना चाहते हैं। वे वर्तमान में जिलाध्यक्ष हैं और सालभर पहले ही वे अध्यक्ष बने थे, क्योंकि पूर्व जिलाध्यक्ष राजेश सोनकर को सोनकच्छ से टिकट मिल गया था और वे चुनाव जीतकर विधायक बन गए। तुलसी सिलावट कलौता समाज के अंतर दयाल को अध्यक्ष बनाना चाहते हैं। उनके नाम पर विधायक उषा ठाकुर और मनोज पटेल भी राजी हैं।
अंतर दयाल का नाम केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी आगे बढ़ाया है। शहर से ज्यादा माथा पच्ची वरिष्ठ पदाधिकारियों को ग्रामीण जिलाध्यक्ष तय करने में आ रही है। उधर इंदौर में वर्तमान अध्यक्ष गौरव रणदिवे फिर अध्यक्ष बनने के लिए भोपाल तक जोर लगा रहे हैं। कैलाश विजयवर्गीय ने दीपक जैन टीनू का नाम आगे बढ़ाया है। उनकी दूसरी पसंद सुमित मिश्रा है, जबकि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के समय से भाजपा का काम कर रहे मुकेश राजावत को संगठन के कुछ नेता नगर अध्यक्ष की कुर्सी पर देखना चाहते हैं, लेकिन प्रदेश में सबसे ज्यादा घमासान इंदौर के दो पदों पर ही मचा है।
महिला अध्यक्ष की भी अटकलें
इंदौर जिले में जिस तरह से अध्यक्ष की नियुक्ति होल्ड की है, उस कारण अनेक अटकलों ने जन्म लिया है। कहा जा रहा है कि बिल्कुल नया नाम सामने आ सकता है। इसके अलावा यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि हो सकता है ग्रामीण या नगर में से किसी एक जिले में महिला अध्यक्ष की नियुक्ति हो।शनिवार को भाजपा के टीकमगढ़ जिले के अध्यक्ष का नाम घोषित किया गया। यहां पर सरोज राजपूत को अध्यक्ष बनाया गया। इसके साथ ही प्रदेश के 62 में से 57 जिला अध्यक्षों के नाम घोषित हो गए हैं। इसमें 6 महिलाओं को जिलों की कमान सौंपी गई है। इसमें सिवनी में मीना बिसेन, नीमच में वंदना खंडेलवाल, सागर ग्रामीण में रानी पटेल कुशवाह, खरगोन में नंदा ब्रह्मणे,शहडोल में अमिता चपरा और नर्मदापुरम में प्रीति शुक्ला को संगठन की जिम्मेदारी महिलाओं को सौंपी गई है।
अब तक भाजपा पांच चरणों में 57 संगठनात्मक जिलों के अध्यक्षों की घोषणा कर चुकी है। इंदौर के अब तक किसी जिला अध्यक्ष का एलान नहीं हुआ है। अब इंदौर नगर, इंदौर ग्रामीण, छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर और निवाड़ी जिलों के नाम लंबित हैं।