RGPV: ED की छापेमारी में हुआ  के पूर्व कुलपति, पूर्व रजिस्ट्रार पूर्व वित्त नियंत्रक ने प्राॅपर्टी इन्वेस्टमेंट के लिए किया हेरफेर

भोपाल। राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति सुनील कुमार, पूर्व रजिस्ट्रार आरएस राजपूत और पूर्व वित्त नियंत्रक के ठिकानों पर की गई छापेमारी में ईडी को बड़ी संख्या में अवैधानिक दस्तावेज और चल अचल संपत्ति के रिकाॅर्ड मिले हैं।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भोपाल द्वारा की गई कार्यवाही में पाया है कि आरोपियों ने विश्वविद्यालय के पैसे का उपयोग प्रापर्टी इन्वेस्टमेंट में किया है। यह जांच दो दिन तक एमपी और झारखंड में चली।

प्रवर्तन निदेशालय भोपाल जोन की टीम ने दो सितंबर को प्रिवेंशन आफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट 2002 के अंतर्गत एमपी के भोपाल, सोहागपुर, पिपरिया और झारखंड के रांची व बोकारो में राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति, पूर्व वित्त नियंत्रक और पूर्व रजिस्ट्रार के ठिकानों पर छापेमारी की थी।
ईडी ने इसको लेकर कहा है कि छापे की कार्रवाई में काफी संख्या में अवैधानिक दस्तावेज और चल व अचल संपत्ति के रिकार्ड पाए गए हैं। इन्हें जब्त कर सीज करने की कार्यवाही की गई है।

इस मामले में आरोपियों के विरुद्ध भोपाल के गांधी नगर थाने में एफआईआर दर्ज है और चार्ज शीट फाइल की गई है। जांच में पाया गया है कि आरोपियों द्वारा 20 करोड़ रुपए खातों से निकाल कर निजी खातों और ट्रस्ट में ट्रांसफर किए हैं।

ईडी की जांच में सामने आया है कि विश्वविद्यालय की यह रकम निकालकर प्रॉपर्टी इन्वेस्टमेंट के लिए दूसरे खातों में ट्रांसफर की गई है। इसमें फिक्स डिपाजिट, म्यूचुअल फंड और ज्वेलरी शामिल है।
आरोपियों के बयान के बाद उनके पास से 1.90 करोड़ रुपए की चल संपत्ति जब्त की गई है। इस पूरे मामले में बैंक स्टाफ की भूमिका पर भी सवाल उठे हैं और वे सभी भी आरोपी बनाए गए हैं। अभी इस मामले में जांच जारी है।

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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