Corona warriors: जिन्हें पहले भगवान बनाया अब दर-दर की ठोकर खा रहे हैं
16 एवं 17 दिसंबर को मुख्यमंत्री निवास और विधानसभा का घेराव करेंगे प्रदेश के 4000 कोरोना योद्धा
कोरोना महामारी में सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने वाले और महामारी में लोगों की जान बचाने वाले आज सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर है। प्रदेश भर के कोरोना योद्धा आगामी 16 दिसंबर को मुख्यमंत्री निवास और 17 दिसंबर मध्यप्रदेश विधानसभा घेराव करने भोपाल आ रहे है।
कोविड 19 आयुष चिकित्सक संघ मध्यप्रदेश के प्रदेश संयोजक डॉ.अंकित असाटी ने बताया है कि कोविड 19 महामारी के दौरान मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था ठीक नहीं थी। प्रदेश में चिकित्सकीय मानव संसाधन की कमी थी और प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था तो ठीक करने एवं मानव संसाधन की कमी को पूरा करने के लिए मध्य प्रदेश में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के द्वारा पुरे मध्यप्रदेश में अस्थाई रूप से आयुष चिकित्सक,दन्त चिकित्सक, लैब टेक्निशियन, फार्मासिस्ट,स्टाफ नर्स, साइंटिस्ट सहित अन्य सभी पैरामेडिकल चिकित्सकीय दल की नियुक्ति मध्यप्रदेश शासन के द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मध्यप्रदेश के अनुसार मेरिट अंक के अनुसार जिला स्वास्थ्य समिति के माध्यम से प्रदेश के सभी जिलो में अस्थाई रूप से आयुष चिकित्सक,दन्त चिकित्सक, लैब टेक्निशियन,फार्मासिस्ट,स्टाफ नर्स, साइंटिस्ट सहित अन्य सभी पैरामेडिकल चिकित्सकीय दल की नियुक्ति की गई थी।
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने की थी को योद्धाओं के लिए घोषणा
विधानसभा चुनाव के पूर्व बालाघाट जिले में मेडिकल कॉलेज के भूमिपूजन कार्यक्रम में प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री एवं केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा मेडिकल कॉलेज के भूमिपूजन कार्यक्रम में मंच से घोषणा की थी कि प्रदेश के सभी कोविड कर्मचारियों के साथ प्रदेश की भाजपा सरकार खड़ी है और प्रदेश के किसी भी कोविड कर्मचारियों के साथ बुरा नहीं होगा और पूर्व मुख्यमंत्री की घोषणा पर वर्तमान सरकार द्वारा कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दिखा रही है। और कोरोना काल में प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था सुधारने वाले कोरोना योद्धाओं को हालत आज खराब है।
रीवा में उपमुख्यमंत्री के बंगले का किया था घेराव
इसके पूर्व प्रदेश भर के कोरोना योद्धाओं के द्वारा 08 नवंबर 2024 को रीवा में उपमुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ला के निवास का घेराव किया था जिसमें उनके द्वारा कोरोना योद्धाओं के साथ उचित न्याय का आश्वासन और भरोसा दिलाया था परंतु आज 1 महीने बाद भी सरकार द्वारा इस विषय में अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया है।
भाजपा शासित अन्य राज्यों में हो चुकी है कोरोना योद्धाओं का संविदा संविलयन
कोविड 19 आयुष चिकित्सक संघ के प्रदेश संयोजक डॉ. अंकित असाटी ने बताया कि भाजपा शासित उत्तर प्रदेश, हरियाणा में निकाले गए कोरोना योद्धाओं को पुनः नौकरी में रखते हुए संविदा में सांवलियन कर दिया गया है । जब अन्य राज्यों में कोरोना योद्धाओं का सांवलियन किया जा सकता है तो मध्यप्रदेश में क्यों नहीं किया जा सकता है ।
अब तक मौन सरकार
इसके अलावा सभी अस्थाई चिकित्सकीय दल के द्वारा फीवर क्लिनिक, कोविड केयर सेंटर, कोविड आईसीयु, कोविड सेम्पलिंग, कोविड टीकाकरण सहित अन्य स्थानो में लगभग 2 वर्ष तक काम कराया गया था। जिसके बाद दो वर्षो से अधिक समय से सभी बेरोजगार कोरोना योद्वाओ के द्वारा अपनी मांगो को लेकर सैकड़ो आवेदन मुख्यमंत्री , उपमुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री तक दिए जा चुके है, लेकिन सरकार ने अबतक कोई कार्रवाई नहीं की।
योद्धाओं के भविष्य से खिलवाड़
कोरोना योद्धाओं का कहना है कि हमारे द्वारा मुख्यमंत्री से मिलने का समय भी मांगा गया था, जिस पर आज तक मुख्यमंत्री द्वारा हमें मिलने का समय नहीं दिया गया। प्रदेश के कोरोना योद्बाओ के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। जिसके कारण प्रदेश के करीब 4 हजार से अधिक कोरोना योद्बाओ 16 दिसम्बर को मुख्यमंत्री निवास और 17 दिसम्बर को मध्यप्रदेश विधानसभा का घेराव करेंगे।
एकजुटता के साथ उठाएंग आवाज
दोनों दिन होने वाले इस घेराव में प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से आए कोरोना योद्धा अपनी एकजुटता दिखाएंगे और अपनी न्यायसंगत मांगों को लेकर आवाज उठाएंगे। कोरोना योद्धाओं का यह प्रदर्शन केवल अपनी नौकरी की सुरक्षा के लिए नहीं, बल्कि स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार की मांग को लेकर भी है। उन्हें उम्मीद है कि उनकी मेहनत और त्याग को सरकार ध्यान में रखेगी और उचित कदम उठाएगी।
बनी असमंजस की स्थिति
कोरोना योद्धाओं का कहना है कि महामारी के दौरान उन्होंने जान की परवाह किए बिना काम किया था। उन्होंने न केवल मरीजों की देखभाल की, बल्कि अपने परिवारों और समाज की सुरक्षा के लिए खुद को जोखिम में भी डाला। ऐसे में सरकार की ओर से उन्हें उचित मान्यता और रोजगार देने की अपेक्षा है। योद्धाओं ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि अगर उनकी मांगों को अनसुना किया गया, तो वे अपने आंदोलन को और तेज करेंगे। उनका कहना है कि जब कोरोना की स्थिति नियंत्रण में आई, तब सरकार ने उन्हें भुला दिया। ऐसे में उनके भविष्य को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
कोरोना योद्धओं के साथ अन्याय
सरकार पर आरोप लगाते हुए कोरोना योद्धाओं ने कहा कि उनके प्रयासों को नजरअंदाज करना न केवल अन्याय है, बल्कि यह स्वास्थ्य सुरक्षा के मामले में भी गंभीर चिंता का विषय है। यदि हालात को समय रहते नहीं सुधारा गया, तो प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। ध्यान देने वाली बात यह है कि कोरोना योद्धाओं ने शासन-प्रशासन को भी चेतावनी दी है कि उनका धैर्य अब समाप्त हो रहा है, और वे किसी भी हालात में अपनी आवाज उठाने से पीछे नहीं हटेंगे। वे अपनी आजीविका के लिए संघर्ष कर रहे हैं और इस बार वह अपनी जिदंगी और अपने अधिकारों को लेकर पूरी दृढ़ता से सामने आएंगे।
क्या है योद्धाओं की मांग
प्रदेश के हजारों कोरोना योद्धाओं की मांग है कि स्वास्थ्य विभाग में हजारें रिक्त पद है। उनकी मांग है कि कोरोना योद्वाओं आयुष चिकित्सक, दन्त चिकित्सक, लैब टेक्निशियन, फार्मासिस्ट,स्टाफ नर्स, साइंटिस्ट सहित अन्य सभी पैरामेडिकल चिकित्सकीय दल को संविदा नियुक्ति दी जाए।
डॉ.अंकित असाटी
प्रदेश संयोजक
कोविड 19 आयुष चिकित्सक संघ मध्यप्रदेश
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