बिलासपुर। सीबीआई ने दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के चीफ इंजीनियर विशाल आनंद को उनके एक परिवारिक सदस्य सहित रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया है। अफसर के रिश्तेदार ने एक प्राइवेट कंपनी से 32 लाख रुपए की रिश्वत ली थी, जिसके तुरंत बाद दबोच लिया गया। सीबीआई ने इस मामले में चार लोगों को आरोपी बनाया है।
मामले में विशाल आनंद के भाई कुणाल आनंद, रिश्वत देने वाले ठेकेदार सुशील झाझरिया, और उसके कर्मचारी मनोज पाठक को भी हिरासत में लिया गया है। इसके अलावा कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है।
ठेके दिलाने के बदले मांगी मोटी रकम
जांच एजेंसी के अनुसार आरोपी रेलवे अफसर ने दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में हो रहे ठेकों और वर्क आर्डर्स को पास करवाने के एवज में प्राइवेट कंपनी से मोटी रकम की मांग की थी। आरोप है कि अफसर ने रिश्वत की रकम खुद न लेकर अपने परिवारिक सदस्य को रांची में पैसे लेने भेजा था।
सीबीआई की जांच में सामने आया है कि अफसर ने अपने परिवार वाले को पहले ही सूचित कर दिया था कि एक व्यक्ति पैसे लेकर रांची आएगा। उसी के अनुसार, गुरुवार को जैसे ही कंपनी के कर्मचारी ने 32 लाख रुपए की नकद राशि अफसर के रिश्तेदार को सौंपी, सीबीआइ की टीम ने ट्रैप लगाकर सभी को रंगेहाथ पकड़ लिया।
जिस प्राइवेट कंपनी से यह रिश्वत ली गई, वह दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में कई बड़े निर्माण कार्य कर रही थी। इनमें रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी), अंडरब्रिज (आरयूबी), ट्रैक लाइनिंग, क्षमता वृद्धि के काम और छोटे-बड़े पुलों का निर्माण शामिल है।
सीबीआई ने गुरुवार को रांची और बिलासपुर समेत कई ठिकानों पर छापेमारी की। इस दौरान बड़ी मात्रा में नकदी और कई अहम दस्तावेज बरामद हुए हैं। फिलहाल जांच जारी है और कई बड़े खुलासे होने की संभावना है।
सीबीआइ की कार्रवाई से रेलवे में हड़कंप
सीबीआइ की इस कार्रवाई से रेलवे महकमे में खलबली मच गई है। अफसरों और ठेकेदारों की सांठगांठ का यह राजफाश सिस्टम में जमी भ्रष्टाचार की परतों को उजागर कर रहा है। आगे की पूछताछ में कई और बड़े नाम सामने आ सकते हैं।
CBI : रेलवे के चीफ इंजीनियर को CBI ने 32 लाख रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार किया
