BHOPAL: 10 हजार में नवजात को फेंकने तैयार हो गई नर्स,
डिलीवरी कराने वाले डाक्टर ने खुद को भाजपा नेता बताया

भोपाल। भोपाल में जिंदा नवजात बच्ची को फेंकने वाली नर्स, डॉक्टर और नवजात की नानी को जेल भेज दिया गया। पुलिस ने तीनों के बयान दर्ज किए हैं, जिसमें नर्स ने चौंकाने वाले खुलासे किए। उसने बताया कि वह महज 10 हजार रुपए ज्यादा मिलने के लालच में नवजात को ठिकाने लगाने के लिए तैयार हो गई थी। डिलीवरी कराने वाले डाक्टर ने खुद को भाजपा नेता बताया है।
डिलीवरी कराते वक्त उसे अंदाजा था कि बच्ची मृत पैदा होगी क्योंकि उसने नाबालिग को कुछ दवा और इंजेक्शन दिए थे, लेकिन बच्ची जिंदा पैदा हुई। उसे ठिकाने लगाने के एवज में उसकी नानी (पीडि़ता की मां) ने तय सौदे से अधिक रुपए देने का लालच दिया। 10 हजार रुपए में वह नवजात को ठिकाने लगाने के लिए राजी हो गई।
नर्स ने पुलिस को बताया, बच्ची को ठिकाने लगाने के लिए वह जहांगीराबाद इलाके के बरखेड़ी से निकली। पुल पातरा को पार कर किया। यही पातरा नाले में बच्ची को फेंकने का प्लान था। लेकिन, नवरात्र के कारण मेन रोड पर भीड़ ज्यादा थी। ऐसे में यहां बच्ची को फेंकने की हिम्मत नहीं जुटा सकी। इसके बाद बाग उमराव दूल्हा का अंडरब्रिज पार किया। रात करीब 3 बजे रेलवे ट्रैक से कुछ दूरी पर बने एक घर के सामने बच्ची को बोरी सहित रख दिया।
नाबालिग पीडि़ता की तबीयत बिगड़ी
बच्ची को जन्म देने वाली नाबालिग पीडि़ता की तबीयत खराब है। उसे उपचार के लिए एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालत में सुधार होने पर उसके बयानों को दर्ज किया जाएगा। उसकी काउंसिलिंग कराई जाएगी। इसके बाद उसे भी किशोर न्यायालय में पेश किया जाएगा। फिलहाल पीडि़ता पुलिस और डॉक्टरों की निगरानी में है।
आरोपियों पर पॉक्सो की धारा में इजाफा किया
पुलिस ने जेल भेजे गए तीनों आरोपियों पर पॉक्सो एक्ट की धाराओं में भी इजाफा कर दिया है। सब कुछ जानकारी में होते हुए आरोपियों ने चोरी छिपे नाबालिग की डिलीवरी कराई, अपराध छिपाने की नीयत से उसे फेंक दिया गया।
आरोपी डॉक्टर ने खुद को भाजपा नेता बताया
आरोपी डॉक्टर अशोका गार्डन में प्राइवेट क्लीनिक का संचालन करता है। जो पुलिस हिरासत में खुद को भाजपा चिकित्सा प्रकोष्ठ का मंडल अध्यक्ष बता रहा है। उसने घर और क्लीनिक पर भी बीजेपी के पद के साथ नेम प्लेट लगा रखी है।

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