Bhopal : संत प्रमाण सागर बोले- भारत को हिन्दू राष्ट्र होना ही चाहिए, मंत्री प्रहलाद पटेल के निवास पर किया शंका समाधान

भोपाल। जैन संत आचार्य प्रमाण सागर जी महाराज भोपाल में मंत्री प्रहलाद पटेल के आवास पर पहुंचे। यहां मंत्री पटेल ने परिवार सहित उनका पाद प्रक्षालन कर आशीर्वाद लिया। पंचायत मंत्री के ही सरकारी आवास में जैन संत प्रमाण सागर ने शंका समाधान किया। लोगों ने जिज्ञासाओं पर सवाल-जवाब किए।

हिन्दू राष्ट्र के सवाल पर प्रमाण सागर ने कहा- मैं तो कहता हूं कि हिन्दू राष्ट्र होना ही चाहिए। हिन्दू का मतलब कोई जाति या वर्ग विशेष नहीं है। हिन्दू यानि वह जो हिंसा से दूर रहे। हम तो चाहते हैं भारत राष्ट्र ऐसा हो जो हिंसा से पूरी तरह मुक्त हो और हिन्दू राष्ट्र हो।

भारत से मांस निर्यात को लेकर प्रमाण सागर महाराज ने कहा,ये तो भारत के लिए कलंक है कि भारत जैसे अहिंसावादी देश से मांस का निर्यात हो रहा। जिस देश में हमने चूल्हे की पहली रोटी गाय के लिए समर्पित की है। उस देश में गाय के अस्तित्व पर प्रश्न है। ये चीजें बिल्कुल ठीक नहीं हैं।
मैं इस बात का समर्थन करता हूं कि मांस निर्यात पर तत्काल प्रतिबंध लगना चाहिए। और गौमाता को यदि राष्ट्रीय पशु के रूप में घोषित किया जाए तो इससे अच्छी बात नहीं हो सकती। बल्कि ये बहुत पहले हो जाना चाहिए था।

हम सब एकजुट हैँ, एक हो हैँ
हिन्दुओं को एकजुट होने के सवाल पर प्रमाण सागर महाराज ने कहा, मैं तो मानता हूं कि एकजुट हैं। अलग कहां हैं? हम सब एक ही हैं। एक ही संस्कृति में जीने वाले लोग हैं। भारतीय संस्कृति हमारी राष्ट्रीय मान्यता है। हमारी उपासना पद्धतियां भिन्न हो सकती हैं। पर, हम सबके डीएनए में एक ही बात है वो है भारतीयता। हम भारतीयता के संपोषक हैं। भारतीयता को बढ़ाने के लिए समर्पित रहने वाले लोग हैं। हम सबको एक नाम पर एक होना चाहिए वो है भारतीयता और भारतीय संस्कृति।

12 साल से चल रहा शंका समाधान कार्यक्रम
भोपाल में कार्यक्रम को लेकर आचार्य प्रमाण सागर महाराज ने कहा, शंका समाधान नियमित कार्यक्रम है। जो 12 वर्षों से लगातार लाइव चलता है। दुनिया भर के लोग इसे पसंद करते हैं। ये शंका समाधान एक विशिष्ट व्यक्ति के आवास परिसर पर हो रहा है। प्रहलाद जी एक नेता के साथ धार्मिक व्यक्ति और गुरुभक्त हैं। बड़ी सात्विकता से वे जुडे़ हुए हैं। हमारे रूटीन के कार्यक्रम का ही शंका समाधान एक हिस्सा है।

मंत्री की बड़ी बेटी फलित ने पूछा- एक व्यक्ति ग्रहस्थ सामाजिक अलग-अलग भूमिका को बैलेंस करते हुए क्या प्रयोजन होना चाहिए। देश, परिवार के प्रति जिम्मेदारियों का निर्वाहन कैसे करना चाहिए?
महाराज जी- मेरी राय में व्यक्ति को सबसे पहले अपनी पर्सनल लाइफ पर फोकस करना चाहिए। जीवन में एक अनुशासन इस तरह आना चाहिए। हम अपने जीवन की खुशियों को सुरक्षित रख सकें। जिसका आनंद हम ले सकें। जब हम किसी लय में जिएंगे तो हमारे आसपास एक संगीत गूंजेगा वो सबको आनंद से भरेगा। जब हम खुद से संतुष्ट नहीं हैं। तो परिवार को संतुष्टि नहीं कर पाएंगे। परिवार को संतुष्टि देने के लिए खुद को संतुष्ट, खुश रखना चाहिए। परिवार को अपने आचरण व्यवहार से संतुष्ट रखें।

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