Bhopal: पूर्व परिवहन आरक्षक के यहां लोकायुक्त का छापा, घर मिले ढाई करोड़ नकद, चालीस किलो चांदी मिले, चल-अंचल संपत्ति के दस्तावेजों की जांच

भोपाल। लोकायुक्त की टीम ने परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के घर गुरुवार सुबह छापा मारा। टीम को सौरभ के अरेरा कॉलोनी स्थित घर से ढाई करोड़ कैश, सोने-चांदी के जेवर और चल-अचल संपत्ति के दस्तावेज मिले हैं। अब तक की जांच में करीब 40 किलो चांदी भी मिल चुकी है।

सौरभ शर्मा परिवहन विभाग में आरक्षक रहे हैं। एक साल पहले वीआरएस ले चुके हैं। फिलहाल, रियल एस्टेट कारोबार से जुड़े हैं। उनके एक होटल पर भी छापामार कार्रवाई की गई है। सौरभ के एक दोस्त के यहां भी कार्रवाई की जानकारी मिली है। दोनों पर परिवहन नाकों पर तैनाती कराने के लिए दलाली करने के आरोप रहे हैं। सौरभ ने महज 12 साल की नौकरी में प्रदेश भर में करोड़ों रुपए का अवैध साम्राज्य खड़ा किया है।

बिल्डर बन चुका है आरक्षक
सौरभ शर्मा वीआरएस लेने से पहले ही रियल एस्टेट कारोबार से जुड़ गया था। प्रदेश के कई रसूखदारों से उसकी नजदीकी थी। लिहाजा कार्रवाई के डर से उसने वीआरएस लिया और बिल्डर बन गया। भोपाल सहित प्रदेश के कई जिलों में उसकी संपत्ति होने के प्रमाण लोकायुक्त को मिले हैं। अब तक की कार्रवाई में सौरभ का एक होटल और एक स्कूल में निवेश होने के प्रमाण भी पुलिस को मिले हैं।
दो स्थानों पर छापे की पुष्टि
एडीजी लोकायुक्त जयदीप प्रसाद ने बताया कि सौरभ के दो ठिकानों पर कार्रवाई की जा रही है। सुबह 7 बजे दो टीमों को उसके अलग-अलग ठिकानों पर रवाना किया गया था। उसके खिलाफ पूर्व में शिकायत मिली थी। इसकी जांच के बाद कार्रवाई की गई है।

पिता के स्थान पर मिली थी नौकरी
बताया जा रहा है कि सौरभ को अनुकंपा नियुक्ति मिली थी। उसके पिता पूर्व में परिवहन विभाग में पदस्थ रहे हैं। मूल रूप से ग्वालियर का रहने वाला सौरभ साधारण परिवार से था। चंद साल की नौकरी में ही रहन-सहन बदल गया था। इसकी शिकायतें विभाग सहित अन्य स्थानों पर की जाने लगीं। इस पर सौरभ ने वीआरएस लेने का फैसला लिया। इसके बाद भोपाल के कई नामचीन बिल्डरों के साथ प्रॉपर्टी में इन्वेस्टमेंट करने लगा।

जानकारी के अनुसार, सौरभ शर्मा मूलत: ग्वालियर का रहने वाला है। वह परिवहन विभाग में बतौर आरक्षक पदस्थ था। बाद में उसने नौकरी से इस्तीफा दे दिया। फिर वह शिवराज सरकार में एक मंत्री के संपर्क में आया और उनसे जुड़ गया, सौरभ तभी से मंत्री का करीबी रहा है। यह नेताजी मोहन सरकार में भी मंत्री हैं।

20 करोड़ से ज्यादा मिलने की संभावना

सूत्रों के अनुसार, प्रारंभिक जांच में करीब 20 करोड़ रुपए तक का कैश मिलने की संभावना जताई जा रही है। अभी नोटों की गिनती की जा रही है। पूरी स्थिति लोकायुक्त की जांच खत्म होने के बाद भी स्पष्ट होगी। वहीं, चेतन सिंह के ठिकानों पर भी दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं। अभी उसके बारे में ज्यादा जानकारी सामने नहीं आ सकी है।
भोपाल में स्कूल और दलाली का धंधा

    सौरभ शर्मा राजधानी भोपाल में स्कूल भी चलाता है। उसके पास शाहपुरा में जयपुरिया स्कूल की फ्रेंचाइजी है। उस पर परिवहन विभाग में बड़े पैमाने पर दलाली करने के आरोप भी हैं। तमाम शिकायतों के बाद अब लोकायुक्त ने सौरभ के ठिकानों पर दबिश दी है। उसके अरेरा कॉलोनी स्थित निवास पर नोटों के बंडल मिले हैं। यह देखकर लोकायुक्त की टीम भी हैरान है। फिलहाल नोटों की गिनती की जा रही है।

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