Bhopal : 52 किलो सोना, 10 करोड़ कैश… ED और IT तीन महीने बाद भी नहीं पता कर पाई, माल किसका था…?

भोपाल। आयकर विभाग, ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) और मध्य प्रदेश लोकायुक्त पुलिस लगभग तीन महीने बाद भी यह पता नहीं लगा सके कि 18 दिसंबर 2024 को भोपाल के पास मेंडोरी गांव में इनोवा कार में मिला 52 किलो सोना और 10 करोड़ रुपये नकदी आखिर किसकी है। इस मामले में लोकायुक्त पुलिस की भूमिका संदिग्ध रही है।
दावा है कि आयकर विभाग को सूचना लोकायुक्त पुलिस ने ही दी थी,लेकिन आयकर विभाग के अनुसार उन्हें लावारिस कार में सोना और नकदी होने की जानकारी किसी तीसरे व्यक्ति से मिली थी।

इस मामले में तीनों एजेंसियां मुख्य आरोपित परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा, उसके करीबी चेतन सिंह गौर और शरद जायसवाल से पूछताछ कर चुकी है लेकिन कोई भी इस इसका सच नहीं उगलवा सका। तीनों एजेंसियों में आपस में कोई तालमेल नहीं है। तीनों ने आपस में जानकारी भी शेयर नहीं की।

कानून के जानकारों के अनुसार ऐसी स्थिति में सौरभ शर्मा के विरुद्ध मामला कमजोर हो जाएगा। सौरभ शर्मा के ठिकानों पर तीनों एजेंसियों ने छापे मारकर नकदी और संपत्ति के दस्तावेज जब्त किए थे। बता दें, मध्य प्रदेश में पिछले 15 साल में कई घोटाले सामने आए लेकिन किसी भी मामले में असली दोषियों को सजा नहीं हो पाई है।
व्यापमं घोटाला हो या फिर ई-टेंडरिंग के जरिये अरबों रुपये के ठेके लेने का घोटाला हो, ऐसे दर्जनों अन्य भ्रष्टाचार के मामले प्रकाश में आए लेकिन सभी मामलों में सफेदपोश भ्रष्टाचारी बच निकले। ऐसा सौरभ शर्मा के मामले में भी होता दिख रहा है। उक्त तीन एजेंसियों के अलावा सोने की तस्करी के मामले की जांच डीआरआइ कर रही है पर उसे भी अब तक कोई साक्ष्य नहीं मिला कि इतनी बड़ी मात्रा में सोना कौन और कहां से लाया था।

मध्य प्रदेश में लोकायुक्त संगठन (विशेष पुलिस स्थापना) के पूर्व महानिदेशक अरुण गुर्टू ने कहा, “ईडी और आयकर विभाग की कार्रवाई का दायरा सीमित है। जांच की सारी जिम्मेदारी लोकायुक्त पुलिस की है। उसे चाहिए कि आरोपितों का नार्को टेस्ट करवाकर सच्चाई का पता लगाए। यह मामला अकेले आरक्षक स्तर के कर्मचारी का नहीं हो सकता है। इसमें कई ब्यूरोक्रेट्स और राजनेता भी शामिल होंगे। सौरभ शर्मा की भर्ती किन परिस्थितियों में हुई और कैसे उसने नौकरी छोड़ दी, सारे मामले को जांच में लेना चाहिए। तभी इससे जुड़े चेहरे सामने आएंगे।”
मध्य प्रदेश के लोकायुक्त संगठन जयदीप प्रसाद ने कहा, “गाड़ी से सोना और नकदी की जांच आयकर विभाग कर रहा है। इसमें सब कुछ आयकर विभाग को ही साबित करना है। आयकर विभाग देखेगा कि सौरभ झूठ बोल रहा है या सच। उसने यदि स्वीकार कर लिया कि सोना में उसकी नकदी है तो वही आगे की जांच करेगा।”

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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