Bhopal : अधिकारी नहीं आए तो भोपाल सांसद ने मीटिंग छोड़ी, निगम कमिश्नर पर भड़के; अफसर ने सांसद, विधायक और मेयर का फोन तक नहीं उठाया

भोपाल। राजधानी में एक बैठक में नगर निगम कमिश्नर के नहीं आने से नाराज सांसद आलोक शर्मा बैठक छोड़कर चले गए। अधिकारी ने उनका फोन तक नहीं उठाया। सांसद ने नगर निगम अधिकारियों के रवैये पर सख्त एतराज जताते हुए इसे भोपाल की जनता और जनप्रतिनिधियों का अपमान बताया। वहीं निगम कमिश्नर ने कहा कि उन्हें बैठक की कोई सूचना नहीं थी।

दरअसल, भोपाल सांसद आलोक शर्मा ने शुक्रवार को पहली बार जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की मीटिंग ली। जिसमें सबसे पहले बिजली कंपनी की समीक्षा की गई। इसमें कई काम अधूरे पाए गए। इसके बाद जल संसाधन विभाग की समीक्षा में भी अधिकारी नदारद रहे। जिस पर सांसद ने उन्हें नोटिस देने की बात कही। नगर निगम की समीक्षा में भी यही हालात बने तो सांसद भड़क गए।

इसके लिए जब नगर निगम कमिश्नर हरेंद्र नारायण यादव के बारे में पूछा गया तो बताया गया कि वे नहीं है। जब पूछा कि उनकी जगह कौन आया है तो बताया गया कि कोई नहीं है। इसके बाद सांसद, महापौर और विधायक भगवान दास सबनानी ने नगर निगम कमिश्नर को फोन लगाया। लेकिन, उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। इससे नाराज होकर सांसद आलोक शर्मा ने बैठक स्थगित कर दी।

सांसद बोले- ये भोपाल की 35 लाख जनता का अपमान
सांसद आलोक सांसद ने कहा कि नगर निमग कमिश्नर का बैठक में नहीं आना भोपाल की 35 लाख आबादी का अपमान है। वे विधायक और महापौर का काल भी नहीं उठा रहे हैं।

दरअसल, बैठक में स्मार्ट सिटी, बिजली, स्वास्थ्य, शिक्षा से जुड़े मुद्दों पर बात होनी थी। बैठक में विधायक भगवान दास सबनानी, महापौर मालती राय, जिला पंचायत अध्यक्ष रामकुंवर बाई गुर्जर, उपाध्यक्ष मोहन जाट, सीईओ इला तिवारी समेत जिला अधिकारी मौजूद थे।
बैठक के बाद सांसद आलोक शर्मा ने कहा-
कुछ अधिकारियों की अनुपस्थिति के कारण आज की बैठक हमने स्थगित कर दी है। शीघ्र ही जनता से जुड़े मुद्दों को लेकर बैठक करेंगे।

जनप्रतिनिधियों से मिलने पहुंचे कलेक्टर
बैठक स्थगित होने के बाद नाराज जनप्रतिनिधियों से कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह मिलने पहुंचे। जिला पंचायत अध्यक्ष के रूम में सांसद, विधायक, महापौर से कलेक्टर की बात हुई। करीब आधे घंटे चली बंद कमरे की इस बातचीत के बाद सभी जनप्रतिनिधि चले गए।

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