Madhya Pradesh के 35वें मुख्य सचिव होंगे अनुराग जैन, पीएमओ की पसंद, केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटेंगे, अचानक पलटा पांसा, राजोरा हुए दौड़ से बाहर

भोपाल। मध्यप्रदेश के 35वें मुख्य सचिव अनुराग जैन होंगे। भोपाल के कलेक्टर रहे अनुराग जैन 1989 बैच के आईएएस अफसर हैं। मौजूदा मुख्य सचिव वीरा राणा का सर्विस एक्सटेंशन 30 सितंबर यानी आज खत्म हो रहा है। जैन को मुख्य सचिव बनाने से किसी भी अफसर को सुपर सीड नहीं किया जाएगा। आज दोपहर तक राजेश राजोरा के आदेश होने की खबरें चल रही थीं। सीएम मोहन यादव की पहली पसंद राजोरा ही थे, लेकिन दोपहर में अचानक खबर आई की अनुराग जैन ही प्रदेशंके मुख्य सचिव होंगे।

जैन की नियुक्ति का आधार उनका अनुभव और सीनियोरिटी है। हालांकि वे सीएम डॉ मोहन यादव की पसंद भी हैं। अनुराग जैन को सीएस बनाने की चर्चा नौ महीने पहले भी हुई थी, जब सीएम डॉ. मोहन यादव से दिल्ली स्थित एमपी भवन में उनकी मुलाकात हुई थी। माना जा रहा था कि वे जल्द ही एमपी लौट सकते हैं।
अनुराग जैन 30 मई 2020 से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर थे। पूर्व मुख्य सचिव रहे इकबाल सिंह बैंस के एक्सटेंशन के समय भी जैन के मुख्य सचिव बनने की चर्चा थी, लेकिन केंद्र ने उन्हें नहीं छोड़ा। बता दें, अनुराग जैन के साथ राजेश राजौरा, मोहम्मद सुलेमान और जेएन कंसोटिया के नाम भी मुख्य सचिव के लिए चर्चा में थे।

केंद्र में रोड, ट्रांसपोर्ट एंड हाईवे मिनिस्ट्री की कमान
10 साल पहले पीएमओ में संयुक्त सचिव रहे अनुराग जैन को मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में सबसे अहम मंत्रालय रोड, ट्रांसपोर्ट एंड हाईवे की कमान दी गई है। जैन मप्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के दो बार सचिव रह चुके हैं। वे भोपाल के कलेक्टर भी रहे हैं। जैन वित्त प्रबंधन के अच्छे जानकार माने जाते हैं।

यही वजह है कि 2019 में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटने के बाद कमलनाथ सरकार ने उन्हें वित्त विभाग की जिम्मेदारी सौंपी थी। लेकिन मई 2020 में वे फिर से प्रतिनियुक्ति पर केंद्र चले गए। अनुराग जैन ने दिसंबर 2013 से फरवरी 2014 तक भारतीय निर्यात-आयात बैंक के कार्यवाहक अध्यक्ष और कार्यवाहक प्रबंध निदेशक के रूप में भी काम किया है।
PMO के करीबी अधिकारी हैं अनुराग जैन

अनुराग जैन की पहचान प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के करीबी अधिकारियों में से एक के रूप में होती है। वह 10 साल पहले पीएमओ में संयुक्त सचिव के रूप में कार्यरत थे और मौजूदा मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में भी वह महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं। फिलहाल, वह केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय में अहम जिम्मेदारी निभा रहे थे।

अनुराग जैन के नाम पर लगभग 9 महीने पहले भी चर्चा शुरू हुई थी, जब मुख्यमंत्री मोहन यादव से उनकी मुलाकात हुई थी। अब उनकी वापसी मध्य प्रदेश में हो रही है और सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से जल्द ही उनकी नियुक्ति का आधिकारिक आदेश जारी किया जाएगा।


भोपाल के पूर्व कलेक्टर और वित्तीय विशेषज्ञ है जैन

अनुराग जैन मध्य प्रदेश के विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं, जिनमें भोपाल कलेक्टर और प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री के सचिव का पद भी शामिल है। वित्तीय प्रबंधन में उनकी गहरी समझ के चलते, उन्हें कमलनाथ सरकार के दौरान वित्त विभाग की जिम्मेदारी दी गई थी। इसके अलावा, वह मध्य प्रदेश में पब्लिक सर्विसेज डिलीवरी एक्ट को लागू करवाने में भी प्रमुख भूमिका निभा चुके हैं।
केंद्र सरकार की पीएम गति शक्ति मास्टर प्लान जैसी बड़ी योजनाओं में भी अनुराग जैन का अहम योगदान रहा है।
अनुराग जैन का करियर…

    सहायक कलेक्टर, सागर: 6-6-1990 से 26-8-1991
    एसडीओ, खुरई: 27-8-1991 से 14-10-1992
    एसडीओ, जावरा: 28-10-1992 से 14-7-1993
    अतिरिक्त कलेक्टर, कांकेर: 19-7-1993 से 1-9-1994
    परियोजना अधिकारी, डीआरडीए, छिंदवाड़ा: 7-9-1994 से 7-1995
    परियोजना अधिकारी, डीआरडीए, भोपाल: 7-1995 से 6-1996
    परियोजना अधिकारी, डीआरडीए, दुर्ग: 6-1996 से 7-1997
    कलेक्टर, मंडला: 14-7-1997 से 6-1999
    कलेक्टर, मंदसौर: 22-6-1999 से 10-7-2001
    कलेक्टर, भोपाल: 16-7-2001 से 01-2004
    आयुक्त-सह-निदेशक, म.प्र. पूर्वी क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी, जबलपुर: 20-1-2004 से 08-2004
    विदेश प्रशिक्षण पर: 23-8-2004 से 6-2005
    आयुक्त-सह-निदेशक, आईईसी ब्यूरो: 5-7-2005 से 12-9-2005
    आयुक्त, स्वास्थ्य सेवाएं: 23-9-2005 से 12-2005
    मुख्यमंत्री के सचिव: 6-12-2005
    सचिव, म.प्र. सरकार, सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग: 11-6-2007 से 27-6-2011
    संयुक्त सचिव, वित्त मंत्रालय, वित्तीय सेवा विभाग, नई दिल्ली: 29-6-2011 से 05-01-2015
    संयुक्त सचिव, प्रधानमंत्री कार्यालय, नई दिल्ली: 01-01-2015 से
    प्रमुख सचिव, म.प्र. सरकार, वित्त विभाग: 28-07-2018 से
    विशेष अधिकारी, विशेष आयुक्त (समन्वय), म.प्र. भवन, नई दिल्ली: 28-07-2018 से

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