कटनी। बहुचर्चित सहारा जमीन गड़बड़ी की जांच के बीच आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) में पूर्व मंत्री संजय पाठक से जुड़ा एक और मामला सामने आया है। इस बार पाठक की कंपनियों द्वारा जबलपुर के सिहोरा में तय मापदंड से अधिक – माइनिंग कर सरकारी खजाने को 1000 करोड़ का नुकसान पहुंचाने की शिकायत की गई है। ईओडब्ल्यू ने खनिज साधन विभाग के प्रमुख सचिव को मामले की जांच के लिए पत्र लिखा गया है। सभी दस्तावेज भी विभाग को दिए गए हैं।
शिकायतकर्ता आशुतोष मनु दीक्षित ने ईओडब्ल्यू को दिए शिकायती पत्र में लिखा है कि संजय पाठक की तीन कंपनियों द्वारा स्वीकृत तय मात्रा से अधिक उत्खनन किया गया है। इसमें मेसर्स आनंद माइनिंग कॉरपोरेशन, मेसर्स निर्मला मिनरल्स एवं पैसिफिक एक्सपोर्ट शामिल हैं। तीनों कंपनियों के खिलाफ मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा नियम विरुद्ध अत्यधिक उत्पादन करने का मुकदमा भी दायर किया गया था।
ये हैं कोर्ट के निर्देशः सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2 अगस्त 2017 को 2004 से 2017 तक अनुमोदित मात्रा (आइबीएम/ ईसी / एयर वाटर कंसेंट) तीनों में से जो सबसे कम हो से ज्यादा उत्पादन किया है तो किए गए उत्पादन की कीमत के बराबर की राशि शासन को ब्याज सहित जमा करनी होगी।