रायसेन। जिले की पूर्व सीईओ युक्ति शर्मा पर सरकारी सामान ले जाने का आरोप लगा है। ट्रांसफर के बाद उन्होंने ऑफिस का सामान ऑटो में भरकर ले गईं। उन पर पहले से ही भ्रष्टाचार के आरोप थे। 84 दिनों की हड़ताल के बाद उन्हें पद से हटाया गया था। जनपद पंचायत ने उन्हें नोटिस भेजा, लेकिन उन्होंने सिर्फ बेड के बारे में ही जवाब दिया। अब वर्तमान सीईओ ने उनके खिलाफ़ FIR दर्ज कराने को कहा है।
युक्ति शर्मा, जो रायसेन जिले की औबेदुल्लागंज जनपद पंचायत की पूर्व सीईओ थीं, विवादों में घिर गई हैं। भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद उनका ट्रांसफर शिवपुरी कर दिया गया था। लेकिन ट्रांसफर के बाद, उन्होंने सरकारी सामान, जैसे कंप्यूटर, प्रिंटर, इंडक्शन, कुकर, बेड, गद्दा आदि, ऑटो में भरकर ले जाने का आरोप है। इस हरकत के बाद, वर्तमान सीईओ वृंदावन मीणा ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं।
पहले से लगे थे भ्रष्टाचार के आरोप
युक्ति शर्मा पर पहले से ही भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। कथित तौर पर सरकारी कामों में उन पर कमिशनखोरी के आरोप थे। जनपद सचिवों और कर्मचारियों ने उनके खिलाफ 84 दिनों तक हड़ताल की थी। इसके दबाव में आकर, सरकार ने 27 अगस्त 2024 को उनका तबादला शिवपुरी के पोषण आहार संयंत्र में मुख्य कार्यपालन अधिकारी के रूप में कर दिया। लेकिन तबादले का आदेश मिलते ही, उन्होंने कथित तौर पर कार्यालय का सामान ऑटो में लादकर वहां से चली गईं।
जनपद कार्यालय ने भेजा नोटिस
जनपद पंचायत कार्यालय ने युक्ति शर्मा को दो बार नोटिस भेजा। पहला नोटिस 4 अक्टूबर 2024 को और दूसरा 3 मार्च 2025 को भेजा गया। नोटिस में उन्हें सरकारी सामान वापस करने के लिए कहा गया था। कई ज़रूरी चीजें, जैसे कंप्यूटर, सीपीयू, प्रिंटर, इंडक्शन, कुकर, बेड और गद्दा, ऑफिस से गायब थे। हालांकि, युक्ति शर्मा ने सिर्फ बेड के बारे में ही जवाब दिया।उन्होंने कहा कि अगर इसका जनपद में कोई आधिकारिक बिल है तो दिखाया जाए। दूसरी तरफ, कर्मचारियों का कहना है कि बेड कुछ सचिवों ने खुद उपलब्ध कराया था, ताकि सीईओ अपनी बच्ची के साथ आराम कर सकें।