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Wrestling: विनेश फोगाट का कुश्ती से संन्यास, लिखा- कुश्ती जीत गई, मैं हार गई
सिल्वर मेडल के लिए स्पोर्ट्स कोर्ट में अपील की, फैसला आज

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पेरिस। भारतीय रेसलर विनेश फोगाट ने पेरिस ओलिंपिक में डिसक्वालिफाई होने के बाद कुश्ती से संन्यास का ऐलान कर दिया है। उन्होंने गुरुवार सुबह 5.17 बजे एक्स पर एक पोस्ट में लिखा- मां कुश्ती मेरे से जीत गई, मैं हार गई। माफ करना आपका सपना, मेरी हिम्मत सब टूट चुके। इससे ज्यादा ताकत नहीं रही अब। अलविदा कुश्ती 2001-2024, आप सबकी हमेशा ऋणी रहूंगी, माफी।
विनेश ने संन्यास के ऐलान से पहले बुधवार रात अपने डिस्क्वालिफिकेशन के खिलाफ अपील दायर की है। उन्होंने कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स से मांग की कि उन्हें संयुक्त रूप से सिल्वर मेडल दिया जाए। विनेश ने पहले फाइनल खेलने की मांग भी की थी। फिर उन्होंने अपील बदली और अब संयुक्त रूप से सिल्वर दिए जाने की मांग की।
हरियाणा के सीएम नायब सैनी ने घोषणा की है कि राज्य सरकार विनेश को ओलिंपिक सिल्वर मेडल जीतने वाले खिलाड़ी की तरह ही सम्मान-इनाम देगी।
विनेश ने बड़े-बड़े टूर्नामेंट में देश का नाम रोशन किया। ओलंपिक पदक लाने से पहले उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों के अलावा एशियाई खेल, विश्व चैंपियनशिप और एशियाई चैंपियनशिप में तिरंगा लहराया है। 25 अगस्त 1994 को हरियाणा के बलाली गांव में विनेश फोगाट का जन्म हुआ। विनेश का जन्म भारत के सबसे प्रसिद्ध कुश्ती परिवार में हुआ। विनेश के ताऊ महावीर सिंह ने फोगाट बहनों को बहुत कम उम्र से ही इस खेल से परिचय करा दिया था। विनेश भी अपनी चचेरी बहनों गीता फोगाट और बबीता कुमारी के नक्शेकदम पर चल पड़ीं। महज नौ साल की उम्र में विनेश के पिता का अचानक निधन हो गया था। विनेश के ताऊ जी ने अपनी बेटियों विनेश को भी कुश्ती सिखानी शुरू की। लड़कियों को पहलवानी सिखाने पर फोगाट परिवार को समाज में ताने दिए जाते थे, लेकिन किसी ने पीछे मुडक़र नहीं देखा।

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