Hockey: स्पेन के सामने चट्टान की तरह खड़े रहे, पांच गोल बचाए, ओलंपिक कांस्य पदक के साथ श्रीजेश की विदाई
भारतीय हॉकी टीम के दिग्गज गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने अंतरराष्ट्रीय हॉकी को अलविदा कह दिया है। पेरिस ओलंपिक में स्पेन के खिलाफ भारत के कांस्य पदक जीतते ही श्रीजेश का सफर समाप्त हो गया। इसके बाद श्रीजेश भावुक होकर मैदान पर ही लेट गए। बाकी खिलाड़ी दौड़ते हुए उनके पास पहुंचे और जश्न में उनकी पीठ थपथपाने लगे। फिर जैसे ही श्रीजेश खड़े हुए, सभी भारतीय खिलाड़ियों ने उन्हें स्टैंडिंग ओवेशन दिया और उनके आगे नतमस्तक हो गए। उन्होंने करियर में 336 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले।
जीत के बाद श्रीजेश ने कहा कि फाइनल से पहले कोच ने कहा था कि यह श्रीजेश का आखिरी मैच है और वह मैदान पर भी वैसा ही जुनून और जज्बा दिखाएगा। यह दिग्गज गोलकीपर उम्मीदों पर खरा उतरा और स्पेन के छह में से पांच अटैक को अपनी शानदार डिफेंडिंग स्किल से रोक लिया। 36 साल के श्रीजेश का यह चौथा ओलंपिक था और उन्होंने इसका शानदार अंत किया। वह लगातार दो बार ओलंपिक पदक जीतने वाली भारतीय पुरुष हॉकी टीम का हिस्सा रहे। उनकी कप्तानी में भारत ने 2016 रियो ओलंपिक में हिस्सा लिया था और टीम आठवें स्थान पर रही थी। हालांकि, उन्होंने 2020 टोक्यो ओलंपिक और अब पेरिस ओलंपिक में भारतीय टीम के साथ ऐतिहासिक कांस्य पदक जीता है।
2010 में अपना पहला विश्व कप खेलने के बाद श्रीजेश भारत के लिए कई यादगार जीत का हिस्सा रहे हैं, जिसमें 2014 एशियाई खेलों में स्वर्ण और जकार्ता-पालेमबांग में 2018 एशियाड में कांस्य पदक शामिल है। वह 2018 में एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी की संयुक्त विजेता टीम के अलावा, भुवनेश्वर में 2019 एफआईएच पुरुष सीरीज फाइनल चैंपियन टीम में भी थे। इसके अलावा वह 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक और 2023 एशियाई चैंपियन ट्रॉफी जीतने वाली टीम का भी हिस्सा थे। 2022 एशियाई खेलों में उन्होंने भारत को स्वर्ण जीतने में मदद की थी।
श्रीजेश को 2021 में खेल रत्न अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। वहीं, 2022 में वह साल 2021 के लिए सर्वश्रेष्ठ एथलीट चुने गए थे। श्रीजेश ने अपनी गर्लफ्रेंड अनीषया से शादी की थी, जो कि एक लॉन्ग जंपर और आयुर्वेद डॉक्टर भी हैं। इस कपल की एक बेटी (अनुश्री) और एक बेटा भी है।