Dharm: प्रदीप मिश्रा माफी क्यों नहीं मांग रहे, 13 अखाड़ों के संतों का भी अल्टीमेटम…श्रद्धालु बोले- राधा रानी पर बयान से ठेस पहुंची

भोपाल। प्रदीप मिश्रा माफी क्यों नहीं मांग रहे:श्रद्धालु बोले- राधा रानी पर बयान से ठेस पहुंची; 13 अखाड़ों के संतों का भी अल्टीमेटम ‘मैं वृंदावन की रहने वाली हूं। कृष्ण और राधा के बारे में बचपन से पढ़ा-सुना है। 84 कोस की परिक्रमा की है। पं. प्रदीप मिश्रा से मिलूंगी तो उनके राधा रानी पर दिए बयान के बारे में पूछूंगी।’
‘कृष्ण भगवान वृंदावन और राधा रानी बरसाना की ही हैं। यह बात कई ग्रंथों में लिखी है। आज से नहीं, जन्मों से कही-सुनी जा रही है।’ये दोनों बयान सीहोर के पास पंडित प्रदीप मिश्रा के कुबेरेश्वर धाम में आए श्रद्धालुओं के हैं। वे भी पंडित मिश्रा के राधा रानी पर दिए बयान से नाराज हैं। कहते हैं, ‘पंडित जी से मिलेंगे तो उनसे जरूर पूछेंगे कि उन्होंने ऐसा क्यों बोला? कौन नहीं जानता कि राधाजी बरसाना की रहने वाली थीं। उनको माफी मांगनी चाहिए।’ पं. मिश्रा को एमपी के 13 अखाड़ों ने भी अल्टीमेटम दिया है कि माफी नहीं मांगी तो उज्जैन में कथा नहीं होने देंगे।

मथुरा में भी संत समुदाय ने ऐलान कर दिया है कि यदि हफ्तेभर में पं. प्रदीप मिश्रा ने माफी नहीं मांगी तो वे उनका बहिष्कार करेंगे। इस ऐलान के बाद 25 जून को शाम 5 बजे पंडित मिश्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई। बताया गया कि इसमें वे अपने बयान पर खेद प्रकट करेंगे। वृंदावन के संतों से माफी भी मांगेंगे।

पंडित मिश्रा जब पत्रकारों के सामने आए तो उन्होंने कहा कि वे सिर्फ कावड़ यात्रा पर बात करेंगे। इसके अलावा किसी अन्य विषय पर वे कोई बातचीत नहीं करेंगे। पंडितजी के नजदीकी लोग भी उनके इस रुख से चौंक गए। इसका मतलब ये भी है कि पंडित प्रदीप मिश्रा माफी मांगने को तैयार नहीं हैं।

गोस्वामी तुलसीदास पर दिए बयान पर भी विवाद

कथावाचक पंडित मिश्रा का 18 जून को तुलसीदास जी को लेकर दिया बयान भी वायरल हो रहा है। इसमें वे खुद को स्वामी तुलसीदास की तरह ‘गंवार’ बता रहे हैं। इस पर उज्जैन पुलिस को शिकायत की गई है।
संतों ने कहा, ‘पंडित प्रदीप मिश्रा जब तक माफी नहीं मांगते, तब तक उज्जैन में उनकी कोई भी कथा संत समाज होने नहीं देगा।’ पढ़िए, सीहोर के कुबेरेश्वर धाम से लेकर उत्तर प्रदेश के ब्रज तक इस विवाद पर ये रिपोर्ट…
धर्माचार्य बोले- बरसाना आकर माफी मांगें प्रदीप मिश्रा
बरसाना में पद्मश्री रमेश बाबा के गहवर वन क्षेत्र स्थित मान मंदिर में साधु-संत, धर्माचार्य और ब्रज के लोगों की महापंचायत हुई। इसमें कहा गया, ‘प्रदीप मिश्रा राधा रानी के चरणों में आकर नाक रगड़ें और माफी मांगें।’
महापंचायत में 7 संगठनों के सदस्य शामिल हुए। धर्माचार्यों ने पं. मिश्रा को शास्त्रार्थ करने की खुली चुनौती दी लेकिन वे नहीं आए। पद्मश्री रमेश बाबा ने कहा- राधा रानी श्रीकृष्ण की आत्मा हैं। महापंचायत में जो निर्णय लिया जाएगा, वही सर्वमान्य होगा। हम भी वही मानेंगे।
राधाकांत शास्त्री ने कहा- हमारे फॉलोअर्स पूरी दुनिया में हैं। अगर प्रदीप मिश्रा ने माफी नहीं मांगी तो उन्हें बता दिया जाएगा कि वो कितने सामान्य प्राणी हैं। प्रदीप मिश्रा ने बहुत खराब टिप्पणी की है। साधु-संतों और भक्तों का अपमान किया है। उन्हें नहीं छोड़ा जाएगा।

धर्म रक्षा संघ के अध्यक्ष सौरभ गौड़ ने कहा- प्रदीप मिश्रा ने अहम में आकर जो अमर्यादित टिप्पणी की थी, उसके लिए माफ नहीं करेंगे। हमने 7 दिन का समय दिया था लेकिन उन्होंने उल्टा ब्रजवासियों को धेनु का सुर कह डाला। तुलसीदास जी को लेकर भी गलत बयान दिया।
मिश्रा ने कहा था- कुछ लोग शिव पुराण का विरोध करना चाहते हैं
पं. मिश्रा ने कहा था- कुछ लोग शिव पुराण का विरोध करना चाहते हैं। इस व्यास पीठ का विरोध करना चाहते हैं। प्रदीप मिश्रा का विरोध करना चाहते हैं। वो लोग राधा रानी की आड़ में मुझे बदनाम करना चाहते हैं।
उन्होंने कहा था- ब्रजवासी इतना भोला है कि वो समझ नहीं पा रहा। जिस दिन आप कहो, राधा रानी के चरणों में आकर दंडवत कर लूं। आप बोलो, जितने दिन तक राधा रानी के चरणों में पड़ा रहूं। मेरी मां हैं वो। उनसे मेरा बैर नहीं है।

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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