Bageshwar Dham: बड़े धार्मिक राजनीतिक चेहरे के रूप में उभरे हैँ धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री

बागेश्वर धाम प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री एक बड़े धार्मिक और राजनीतिक चेहरे के रूप में उभरे हैं। उनका प्रभाव मध्य प्रदेश से बाहर भी फैल गया है। रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बागेश्वर धाम में मेडिकल और साइंस रिसर्च इंस्टीट्यूट की नींव रखी। यह शास्त्री के बढ़ते प्रभाव का प्रमाण है। पीएम मोदी ने बागेश्वर बाबा को अपना छोटा भाई भी कहा। इस कार्यक्रम के बाद राजनीतिक गलियारों में शास्त्री की चर्चाएं और बढ़ गई हैँ।
बुंदेलखंड में स्थित बागेश्वर धाम पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के नेतृत्व में एक विशाल धार्मिक केंद्र बन गया है, जहां लाखों श्रद्धालु आते हैं। शास्त्री मन की बात जानने और बिना बताए समस्याओं का समाधान करने जैसी क्षमताओं का दावा करते हैं।
शुरुआत में शास्त्री के प्रवचन हनुमान भक्ति और व्यक्तिगत समस्याओं पर केंद्रित थे, लेकिन पिछले दो वर्षों में उन्होंने कट्टर हिंदुत्व का रुख अपनाया है। खुद को हिंदू राष्ट्र योद्धा बताया है। उन्होंने भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने, धर्मांतरण के खिलाफ हिंदुओं को एकजुट होने का आह्वान किया है।
कांग्रेस और बीजेपी दोनों के नेता शास्त्री को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं। क्योंकि इनका मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड में खासा प्रभाव माना जाता है। शास्त्री को साधना बीजेपी के लिए ज्यादा फायदेमंद साबित हुआ है।


धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का उदय
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के उदय की कहानी दिलचस्प है। उन्हें पहला बड़ा ब्रेक छतरपुर के पूर्व कांग्रेस विधायक आलोक चतुर्वेदी के संरक्षण से मिला। फिर शास्त्री को साधने वाले शुरुआती हाई-प्रोफाइल नेताओं में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ थे। यह 2023 के विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी के सॉफ्ट हिंदुत्व की ओर रणनीतिक बदलाव को दर्शाता है। चतुर्वेदी के साथ कमलनाथ पहली बार 13 फरवरी 2023 को बागेश्वर धाम में शास्त्री से मिले।
कांग्रेस द्वारा साधने की कोशिश
इस यात्रा को बीजेपी द्वारा कांग्रेस को हिंदू विरोधी बताने के आरोपों को बेअसर करने के प्रयास के रूप में देखा गया, खासकर छिंदवाड़ा में 101 फुट की हनुमान प्रतिमा स्थापित करने जैसे नाथ के पहले के प्रयासों के बाद। बाद में पूर्व सीएम कमलनाथ ने 5-7 अगस्त 2023 को छिंदवाड़ा में तीन दिवसीय हनुमान कथा का आयोजन करके शास्त्री से अपनी नजदीकी बढ़ाई, जहां उनके बेटे और कांग्रेस सांसद नकुल नाथ ने व्यक्तिगत रूप से आरती के साथ शास्त्री का स्वागत किया।


बीजेपी ने दर्ज की एकतरफा जीत
हालांकि, बीजेपी ने 17 नवंबर 2023 के विधानसभा चुनावों में राज्य की 230 में से 163 सीटें जीतकर बड़ी जीत हासिल की, जबकि कांग्रेस केवल 66 सीटें ही जीत पाई। बीजेपी का मजबूत हिंदुत्व और लाडली बहना योजना जैसी योजनाओं ने कांग्रेस के प्रयासों को नाकाम कर दिया।


भाजपा को दिखा प्रभाव
तत्कालीन मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री और वर्तमान केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी 2023 के चुनावों में हिंदू वोटों को मजबूत करने की बीजेपी की रणनीति के तहत शास्त्री को अपनाया। शिवराज सिंह ने 15 फरवरी 2023 को प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा के साथ एक सामूहिक विवाह समारोह के लिए बागेश्वर धाम का दौरा किया। चौहान के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार ने मई 2023 में शास्त्री को वाई-श्रेणी की सुरक्षा प्रदान करके इस गठबंधन को और मजबूत किया।


नेता ने समर्थन को बताया अनुरूप
एक बीजेपी नेता ने कहा कि हिंदुओं को एकजुट करने और घर वापसी को बढ़ावा देने का बागेश्वर बाबा का संदेश शिवराज सिंह चौहान के गोरक्षा और मंदिर विकास की पहल सहित हिंदुत्व समर्थक शासन के अनुरूप था। इसने नाथ द्वारा उन्हें साधने को लेकर कांग्रेस में मतभेदों को भी उजागर किया। उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी सरकार की लोकप्रिय योजनाओं के अलावा, बुंदेलखंड में, खासकर युवा मतदाताओं और ग्रामीण क्षेत्रों के श्रद्धालुओं के बीच शास्त्री की लोकप्रियता ने पार्टी को सत्ता में वापस लाने में मदद की। चौहान अब केंद्र में मंत्री हैं, लेकिन उनके करीबी और मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा बागेश्वर धाम के लगातार आगंतुक बने हुए हैं और शास्त्री के मुखर समर्थक हैं।

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