भोपाल। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री जीतू पटवारी ने आज पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुये कहा कि भारत के संविधान में दूसरे नंबर की सबसे बड़ी कुर्सी पर विराजित देश के उपराष्ट्रपति जी ने मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और देश के वर्तमान कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रति अपनी प्रतिक्रिया देते हुये यह कहा कि आप झूठ बोलते हो, यह प्रदेश और देश के लिए बड़ी गंभीर स्थिति है और उनकी इस प्रतिक्रिया ने जहां एक ओर देश की मोदी सरकार को आइना दिखाया है, वहीं प्रदेश में उनकी साख पर प्रष्नचिन्ह लगा है।
श्री पटवारी ने कहा कि यदि कोई झूठ बोलने वाला राजनैतिक व्यक्ति हैं तो वह है शिवराजसिंह चौहान। यदि गूगल करके देखो तो सबसे ज्यादा झूठ बोलने वाले व्यक्ति में शिवराज सिंह चौहान का नाम आता है। उन्होंने कहा कि मप्र में कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष बनने के बाद मैंने और कांग्रेस ने लगातार यह बात कहीं है कि शिवराज सिंह चौहान जनता से भी झूठ बोलते हैं, व्यवस्था से भी झूठ बोलते हैं। पिछले 12 मंगलवार बीते चुके हैं, मैंने उनसे समय मांगा और आप देष के कृषि मंत्री हैं, मैं भी कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष हूं। विपक्ष के नाते किसानों के हित में आपसे बात करना चाहता हूं, लेकिन उन्होंने मुझे कोई समय देना उचित नहीं समझा। यह मेरा व्यक्तिगत रूप से कोई अपमान नहीं है यह व्यवस्था का अपमान है। शिवराज सिंह चौहान में थोड़ी सी भी राजनैतिक मर्यादा बची हो तो देश के उपराष्ट्रपति ने आपके काम की तरीके पर सवाल क्यों उठाए हैं? और यह कहा है कि आप कर क्या रहे हो, इतने साल से किसान अपनी फसलों के दाम मांग रहे हैं, आप मौन हैं, किसानों के लिए आपने क्या प्रयास किया। तीन दिन पहले संसद में शिवराज सिंह चौहान ने संसद में कहा किसानों को लागत से दोगुना समर्थन मूल्य नरेंद्र मोदी की सरकार देती है।
श्री पटवारी ने कहा कि इसका साफ मतलब है या तो धनकड़ साहब की भावना गलत थी या शिवराज सिंह चौहान ने संसद के अंदर झूठ बोला, मैं धनगढ़ साहब को साधुवाद देता हूं, किसानों के हित और अधिकारों की बात कही मैं व्यक्तिगत रूप से उनसे मिलूंगा और आग्रह करूंगा कि इतनी हिम्मत से अपने सरकार को आइना दिखा नरेंद्र मोदी और शिवराज सिंह चौहान को आइना दिखाया। मैं आग्रह करूंगा कि यही बात संसद की आसंदी पर बैठकर करें और सरकार को आईना दिखायें।
श्री पटवारी ने कहा कि शिवराज जी आपका झूठ और पाखंड सर चढ़कर बोल रहा है। एक साल पहले षिवराज ने कहा कि 3100 रुपए धान, 2700 गेहूं के दाम मिलना चाहिए। अभी केवल 2300 में धान की खरीदी हो रही है। मुख्यमंत्री जी विदेश गए हुये हैं, यहां जो पहले से अपना इन्वेस्टमेंट कर चुके हैं, राइस मिल एसोसिएशन को 2 साल के पैसे नहीं दिये, जिन लोगों ने इन्वेस्ट कर दिया अपने मिलों पर ताले लगा रहे हैं सरकार का उस पर ध्यान नहीं है। देष को प्रदेश को कर्ज में डालकर पैसे का दुरुपयोग किया जा रहा है। विदेश में तेज गाड़ी में बैठकर उसका आनंद लेने वाले मुख्यमंत्री मानसिकता से बाहर नहीं आ पा रहे। शिवराज सिंह चौहान को इसी वक्त अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए क्योंकि मध्य प्रदेश में सबसे बड़ा झूठ बोलकर गए की 3100 रूपये धान का दाम देंगे, लेकिन उन्होंने नहीं दिया।
श्री पटवारी ने कहआ कि आज पूरे मध्य प्रदेश में बांग्लादेश की घटना को लेकर लोग सड़कों पर थे यह जनता के बीच संदेष क्या है यह संदेष कांग्रेस की विचारधारा का समर्थन था, कि दुनिया में यदि कहीं भी अल्पसंख्यक हो उसकी रक्षा सरकार को करनी चाहिए। हमारे सारंगपुर संसद इमरान मसूद ने एक नोटिस दिया है संसद में और यह कहा है बांग्लादेश के अल्पसंख्यक भाई, हिंदू अल्पसंख्यक या अन्य अल्पसंख्यों की रक्षा हो इसके लिए सरकार दबाव बनाएं। जो भी राजनीतिक रूप से कूटनीति होती है या डिप्लोमेसी होती है, उसपर बात करें। व्यापार-व्यवसाय की दृष्टि से सरकार उन पर दबाव बनाएं हमारी ट्रेन जाती हैं उन पर रोक लगाई जाये। जो हमारे हिंदू धर्म के मंदिर और हिंदू समाज के लोग असुरक्षित महसूस करते हैं उसके पीछे अगर किसी का फिलेवर है तो वह है। नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्रालय का है। यह जो आंदोलन हुए यह संवाद के अधिकार की सुरक्षा देते हैं यह नरेंद्र मोदी को मैसेज दे रहे हैं कि आपने अपने देश की जितनी भी देश थे वहां जिस तरीके की कूटनीति का भाव बना था वहां उसमें फेल हुई है सरकार।
श्री पटवारी ने कहा कि हम मांग करते हैं कि आसपास के देशों में जो हमारे अल्पसंख्यक है, वह बांग्लादेश और पाकिस्तान हो या अन्य देश हों, कनाड़ा हो इसी तरीके के हमले हुये, अमेरिका में बीएससी घटनाएं हुई पर नरेंद्र मोदी मौन क्यों रहते हैं? उन्होंने कहा कि हमारे देश के महापुरूषों और देश की जनता के रहमों करम पर बांग्लादेश बना वहां हमारे लोगों की रक्षा नहीं होती तो इसका मतलब आज की सरकार का फेलियर सरकार है। हम विदेश मंत्रालय से मांग करते हैं डिप्लोमेसी का उपयोग करना करो, विदेश नीति के तहत निर्णय लेना चाहिए।