Politics: कर्नाटक के गवर्नर थावरचंद गहलोत, जिन्होंने बढ़ा दिया सीएम सिद्धारमैया का संकट, क्या है मुडा घोटाला
नई दिल्ली। कर्नाटक के गवर्नर थावरचंद गहलोत ने मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) जमीन घोटाले में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी देकर राज्य का सियासी तापमान बढ़ा दिया है. गवर्नर थावरचंद गहलोत के फैसले के बाद कर्नाटक में भाजपा और कांग्रेस के बीच सियासी जंग छिड़ गई है. दरअसल, मुदा जमीन आवंटन मामले में एक आरटीआई एक्टिविस्ट ने सीएम सिद्धारमैया के खिलाफ शिकायत दर्ज करने की मंजूरी देने के लिए गवर्नर से आग्रह किया था. गवर्नर ने आरटीआई एक्टिविस्ट द्वारा दायर शिकायत के आधार पर केस चलाने की मंजूरी दे दी है।
5,000 करोड़ रुपये का है घोटालामामला जमीन के एक टुकड़े का है जो 3.14 एकड़ है. यह जमीन मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती के नाम पर है. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर मुदा द्वारा अधिग्रहित जमीन के एक टुकड़े को अपनी पत्नी के नाम से बदलने का आरोप है. मैसूर के एक पॉश इलाके में उनकी पत्नी को एक जमीन दी गई थी, जिसकी बाजार कीमत उनकी अपनी जमीन से ज्यादा है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने दावा किया है कि एमयूडीए घोटाला 4,000 से 5,000 करोड़ रुपये तक का है।
मामलाएमयूडीए ने 1992 में रिहायशी इलाका विकसित करने के लिए किसानों से जमीन ली थी. लेकिन 1998 में अधिगृहित भूमि का एक हिस्सा एमयूडीए ने किसानों को वापस कर दिया. आरोप है कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती को मैसूर के एक पॉश इलाके में जमीन के बदले में एक भूखंड अलॉट किया गया था जिसका संपत्ति मूल्य उनकी उस भूमि की तुलना में अधिक था जिसे एमयूडीए ने ‘अधिग्रहीत’ किया था. एमयूडीए ने पार्वती को उनकी 3.16 एकड़ भूमि के बदले 50:50 अनुपात योजना के तहत भूखंड आवंटित किए थे. विपक्ष और कुछ कार्यकर्ताओं ने यह दावा किया है कि पार्वती के पास 3.16 एकड़ भूमि पर कोई कानूनी अधिकार नहीं है।
गहलोत सात साल रहे केंद्र में मंत्रीथावरचंद गहलोत एक अनुभवी राजनेता है. उन्हें तीन साल पहले जुलाई में कर्नाटक का गवर्नर नियुक्त किया गया था. गवर्नर बनने से पहले वह मोदी की केंद्र सरकार में सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्री के पद पर आसीन थे. वह 2014 से 2021 तक केंद्र में मंत्री रहे. वह अनुसूचित जातियों के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का सबसे उल्लेखनीय चेहरा रहे हैं. अपने राजनीतिक जीवन के दौरान वह मध्य प्रदेश के शाजापुर के निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते रहे।
कॉलेज से शुरू हुई राजनीतिक यात्राउनका जन्म 18 मई 1948 को रुपेटा गांव में हुआ था. यह गांव मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले में स्थित है. गहलोत ने विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन, (मध्य प्रदेश) से बीए की पढ़ाई की है. उन्होंने 1 मई 1965 को अनीता गहलोत से विवाह किया और उनके एक बेटी और तीन बेटे हैं. गहलोत ने अपने कॉलेज के दिनों से ही अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू कर दी थी. उन्होंने पहले 1996 से 2009 तक लोकसभा में शाजापुर का प्रतिनिधित्व किया था. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए संगठन का काम भी किया है और महासचिव भी रह चुके हैं।
बीजेपी मांग रही सिद्धारमैया का इस्तीफाइस मामले में सीएम सिद्धारमैया सीधे निशाने पर हैं. विपक्षी भाजपा राज्य में कई सप्ताह से उनके खिलाफ आंदोलन कर रही है. बीजेपी ने एक बार फिर सिद्धारमैया के इस्तीफे की मांग दोहराई है. भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र ने कहा कि इससे पारदर्शी और निष्पक्ष जांच हो सकेगी. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने दावा किया है कि एमयूडीए घोटाला 4,000 से 5,000 करोड़ रुपये तक का है. वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि भाजपा द्वारा नियुक्त राज्यपाल गैर-भाजपा शासित राज्यों के लिए परेशानी खड़ी कर रहे हैं. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें यह देखना होगा कि गहलोत ने सिद्धारमैया पर मुकदमा चलाने की अनुमति क्यों दी।