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Politics: दुकानों पर नाम लिखवाने पर कांग्रेस बोली- नफरत की पॉलिटिक्स…पटवारी बोले-BJP पूछेगी टीचर की जाति

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भोपाल। उत्तर प्रदेश के बाद मध्यप्रदेश के उज्जैन में दुकानों पर संचालकों के नाम, जाति सहित पूरा विवरण लिखवाने के सरकार के आदेश पर राजनीति शुरू हो गई है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी एवं विधायक फूलसिंह बरैया ने इसका विरोध किया है।

जीतू पटवारी ने कहा कि जल्द ही बीजेपी किसी दिन पूछेगी की टीचर किस समाज का है। किसे पढ़ाएगा। फूल सिंह बरैया ने कहा कि ये लोग ब्लड डोनेट करने वाले से भी पूछेंगे की उसकी जाति क्या है।
दरअसल, इंदौर से बीजेपी विधायक रमेश मेंदोला ने सीएम डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखकर एमपी में हर दुकान पर संचालक का नाम लिखने को लेकर नियम बनाने का अनुरोध किया है। उज्जैन नगर निगम ने दुकानों पर नाम, फोन नंबर न लिखवाने पर 2 हजार के जुर्माना करने का आदेश प्रशासन ने दिया है।

नाम लिखवाने का नियम पहले से

पीसीसी चीफ जीतू पटवारी आज भोपाल में प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं की जॉइनिंग के मौके पर कहा- बीजेपी एक ऐसा विचार है जो सत्ता को धन के बल पर या बंटवारे के बल पर चाहती है। अभी बीजेपी ने उज्जैन में दुकान पर संचालकों का नाम लिखवाने का आदेश दिया। दुकानों पर नाम, प्रोपराइटर लिखने की व्यवस्था तो पहले से ही है। प्रशासन जब दुकान की अनुमति देता है तो उसमें यह लिखा होता है कि दुकान का प्रोपराइटर कौन है। लेकिन, बीजेपी घृणा और नफरत फैलाना चाहती है। किसी दिन ये पूछेंगे कि ब्लड किस जाति का है। ये टीचर की भी जाति पूछेंगे की किस जाति का है। किसको पढ़ाएगा, किसको नहीं।

ब्लड डोनर से नाम पूछेगी बीजेपी

इसी कार्यक्रम में मौजूद विधायक फूल सिंह बरैया ने कहा- भाजपा का मुख्य एजेंडा समाज में नफरत, जातिवाद, पक्षपात फैलाना है। वे यह चाहते हैं कि लोग जाति लिखेंगे तो अपने आप घृणा करने का मौका मिलेगा। आने वाले समय में जो लोग अस्पताल में ब्लड डोनेट करने आएंगे उनसे जाति पूछेगी। वो ये भी बताएगी की किसका ब्लड किसको चढ़ाया जा रहा है। 75 सालों में भेदभाव, ऊंच-नीच, छुआ-छूत कम होने की तरफ आ रहा था। लेकिन, भाजपा ने हजारों साल पहले वाली व्यवस्था की तरफ पहुंचा दिया है।

कांग्रेस के कार्यकर्तााओं को प्रशासन प्रताडित कर रहा
पटवारी ने कहा- भिंड के लहार में कांग्रेस के तीन कार्यकर्ताओं के घर तोडे गए। हमारे नेता गोविंद सिंह का घर तोडने का दबाव बनाया जा रहा है। भिंड के कलेक्टर ने हत्या करने वाले के घर तुड़वाए। उनका वीडियो वायरल हुआ जिसमें वे कह रहे हैं- उनके तोडे़ जाएंगे जिससे नफरत और घृणा बढे़। ये एक उदाहरण है कि प्रशासन को खुली छूट दे दी है कि आपको दलितों, कांग्रेस के कार्यकर्ताओं, अल्पसंख्यक परिवारों पर दमनकारी नीति अपनाना है। और अपराधियों को खुली छूट देना है।

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