MP: पीसीसी अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को लिखा पत्र, बेसहारा गोधन को सहारे और सुरक्षा की जरूरत..

भोपाल। पीसीसी अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सीएम मोहन यादव को पत्र लिख कर गोवर्धन पूजा के नाम पर राजनीति करने के बजाय गोवंश की सुरक्षा पर ध्यान देने का आग्रह किया है। पत्र में पटवारी ने लिखा है …आज गोवर्धन पूजा का शुभ-पावन प्रसंग है। पशुपालक अपने गोधन का श्रृंगार कर, पूजन और वंदन कर रहे हैं। लेकिन, प्रदेशभर में ऐसे भी हजारों गोवंश हैं, जिन्हें सड़क पर बेसहारा छोड़ दिया गया है। इन्हें न तो चारा नसीब हो रहा है, न रहने के लिए गोशाला। क्या गाय के नाम पर चुनाव में वोट बंटोरने वाले भाजपा नेताओं को इन गोवंश की फिक्र नहीं है?

गोवर्धन पूजा के पवित्र अवसर पर ही आज ही पब्लिक डोमेन में एक मीडिया रिपोर्ट आई है, जिसमें यह प्रामाणिक रूप से बताया गया है कि आपके उज्जैन जिले में गोवंश सड़कों पर झुंड में बैठे रहते हैं। उज्जैन-आगर रोड पर चार स्थानों पर जैसे सड़क ही गोशाला बन गई है। यह गोवंश कब से यहां हैं? इनके मालिक कौन हैं? इसका जवाब किसी के पास नहीं है!

इस समस्या की जमीनी पड़ताल के लिए नेशनल हाईवे 552 पर सफर भी किया गया! घट्टिया के नए बस स्टैंड पर शाम 5.15 बजे एक तरफ बसों में सवारी चढ़ती-उतरती दिखाई दी तो दूसरी तरफ 130 से ज्यादा गोवंश बेतरतीब बैठे मिले। इसके बाद शाम करीब 5.35 बजे घौंसला के आगर-महिदपुर को जोड़ने वाले रास्ते पर करीब 120 गोवंश डिवाइडर की तरह बैठे नजर आए। शाम 5.50 पालखेड़ी में गोवंश डिवाइडर की तरह बैठा दिखाई दिया! यहां से लौटते समय शाम छह बजे करीब निपानिया गोयल में गोवंश मुख्य मार्ग पर नजर आया।

चूंकि, यह आपके गृह जिले और उसके आसपास के इलाकों के हालात हैं, इसीलिए मैं इनका विशेष तौर पर उल्लेख कर रहा हूं! साथ यह भी बताना चाहता हूं की कमोबेश ऐसी ही स्थिति मध्य प्रदेश के कई जिलों में है! मध्य प्रदेश में सड़कों और कृषि क्षेत्रों में गोवंश के बढ़ते बेसहारा पशुओं से कई गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं।

राज्य में लगभग 8.5 लाख आवारा मवेशी हैं, जो दुर्घटनाओं और यातायात जाम की मुख्य वजह बन रहे हैं। इसके चलते हाल ही में जबलपुर हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से सड़कों पर आवारा गोवंश से संबंधित दुर्घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए ठोस कदम उठाने को कहा है, क्योंकि इन घटनाओं में कई लोगों की जान जा चुकी है और यातायात बाधित हो रहा है। सड़क पर गोवंशों के खड़े रहने के कारण कई हादसे भी हो चुके हैं। इनमें वाहन चालक और गोवंशों की मौत भी हो चुकी है।

मोहन भैया, कृषि पर भी इसका बुरा प्रभाव है। किसान का कहना है कि गोवंश उनके खेतों में घुसकर फसल नष्ट कर देते हैं, जिससे लगभग 30-40% फसल का नुकसान होता है। कई किसान अब रबी की जगह केवल एक ही फसल उगाने का निर्णय ले रहे हैं और रातभर खेतों की रखवाली करने को मजबूर हैं।
राज्य सरकार इस समस्या से निपटने के लिए लापरवाह बनी हुई है! केवल फोटो और वीडियो में गौसेवा के जरिए मीडिया सुर्खियों लेने में आप हमेशा आगे बने रहते हैं, परंतु जमीनी हकीकत में मध्य प्रदेश में गोवंश गंभीर खतरे में हैं! आपसे आग्रह है कि इस गंभीर स्थिति से निपटने के लिए दीर्घकालिक और ठोस उपाय तत्काल करें।

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Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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