MVA की सरकार गिराने में किसका हाथ? अजित पवार के खुलासे पर संजय राउत ने कहा अडानी का अहम रोल

मुम्बई । महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बीच शिवसेना यूबीटी के सांसद संजय राउत ने एनपीसी नेता और उपमुख्यमंत्री अजित पवार के एक बयान पर जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि शरद पवार का नाम छोड़ दीजिए. देवेंद्र फडणवीस और शरद पवार में मीटिंग कभी हुई ही नहीं है, लेकिन गौतम अडानी, अमित शाह, अजित पवार और प्रफुल्ल पटेल की मीटिंग बार-बार होती रही है।

संजय राउत ने कहा, “महाराष्ट्र की सरकार गिराने में गौतम अडानी का हाथ रहा है. नरेंद्र मोदी, अमित शाह और फडणवीस का हाथ है. इस बारे में सबसे बड़ा खुलासा अजित पवार ने किया है. वह खुद इस मीटिंग में शामिल थे. इसलिए ये महाराष्ट्र में जो लड़ाई चल रही है, यह गौतम अडानी के खिलाफ चल रही है. एक ऐसा उद्योगपति जो सरकार गिराता है, जो विधायक और संसद को खरीद लेता है. ऐसे गौतम अडानी के हाथ में छत्रपति शिवाजी महाराज का महाराष्ट्र न जाए, इसलिए यह संघर्ष और लड़ाई जारी है.”

सीएम को लेकर बोले ये लोग डरपोक
वहीं एकनाथ शिंदे को लेकर उन्होंने कहा, “हिम्मत नहीं है उनके पास ये लोग डरपोक हैं. ये सब डर के मारे भाग गए. ईडी सीबीआई से डर कर भाग गए. एकनाथ शिंदे के साथ जो 40 लोग हैं, उनमें से 20 लोगों के ऊपर ईडी और सीबीआई के मामले दर्ज हैं. आधे लोग जेल जाने वाले थे. अगर आपको लिस्ट चाहिए तो किरीट सोमैया के पास से ले लो. ईडी के दफ्तर में जाकर लिस्ट ले लीजिए.”

उन्होंने कहा, “एकनाथ शिंदे से लेकर भावना गवली, यशवंत जाधव, प्रताप सरनाइक तक और कितने नाम चाहिए. सभी के ऊपर यह केस चल रहे थे. दो लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था, इसी वजह से डर के मारे भाग गए और हिम्मत की बात करते हैं, कौन सी हिम्मत दिखाई है. अब तक मुझे बताइए एकनाथ शिंदे ने जो भी किया है, वह पैसे की ताकत पर किया है.”


इसके अलावा जोगेश्वरी विवाद पर उन्होंने कहा, “यह एक महीना होता रहेगा. यह लोग महिलाओं को पैसे बांट रहे हैं. वहीं जब हमारे शिव सैनिक वहां जाकर रेड करते हैं, तो चुनाव आयोग और उनके ऑब्जर्वर को इस मुद्दे को गंभीरता से लेना चाहिए.”

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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