Bhopal. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण की वोटिंग के पहले गुरुवार देर शाम भोपाल में एक बैठक ली। इसमें मध्यप्रदेश के बीजेपी नेता शामिल हुए। इस बैठक में उन्होंने कहा- जिन मंत्रियों के इलाके में मतदान प्रतिशत कम होगा, उनका मंत्री पद चला जाएगा। बदले में उन विधायकों को मंत्री बनाया जाएगा, जिनके क्षेत्र में मतदान प्रतिशत बढ़ेगा। हालांकि, अमित शाह ने ये नहीं बताया कि कितने फीसदी कम वोटिंग पर मंत्रियों का पद जा सकता है।
पहले और दूसरे चरण की कुल 12 सीटों पर चुनाव हुआ है। इन लोकसभा क्षेत्रों से प्रदेश सरकार में 12 मंत्री है। इनमें से 6 मंत्री डेंजर जोन में है और 6 मंत्रियों के क्षेत्र में मतदान ज्यादा हुआ है। जो मंत्री डेंजर जोन में हैं उनमें से दो होशंगाबाद लोकसभा सीट से, एक खजुराहो, एक जबलपुर, एक सतना और एक शहडोल लोकसभा सीट से आते हैं।
बीजेपी के सूत्र बताते हैं कि शाह ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा सहित अन्य नेताओं को स्पष्ट शब्दों में कहा कि पार्टी के विधायक सक्रिय नहीं हैं। हर विधायक को बता दीजिए कि लोकसभा चुनाव के परिणाम के आधार पर रिपोर्ट कार्ड बनेगा और उसके आधार पर उनका राजनीतिक भविष्य तय होगा।
पार्टी की तरफ से केवल चेतावनी ही नहीं दी गई है, बल्कि सूत्र बताते हैं कि राष्ट्रीय नेतृत्व हर लोकसभा क्षेत्र में बूथ स्तर तक नेताओं और कार्यकर्ताओं की सक्रियता पर नजर रखे हुए है। हर विधायक के बारे में यह जानकारी इकट्ठा की जा रही है कि वह अपने क्षेत्र में कितना सक्रिय है? और इनकी इस सक्रियता की तुलना 2023 के विधानसभा चुनाव में उनकी सक्रियता से की जा रही है।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि तीसरे और चौथे चरण में भाजपा के गढ़ माने जाने वाले मालवा-निमाड़ और मध्य भारत में वोटिंग होना है। यदि यहां ढिलाई बरती तो भाजपा को बड़ा नुकसान हो सकता है। चुनाव प्रबंधन से जुड़े नेता भी मानते हैं कि मंत्री- विधायक सिर्फ औपचारिकता निभा रहे हैं। ऐसे में कार्यकर्ताओं के बीच उत्साह नहीं दिख रहा है।