भोपाल। एमपी बीजेपी में पिछले कुछ दिनों से माहौल ठीकठाक नहीं दिख रहा। संगठन से लेकर सरकार तक में आपसी खींचातानी चल रही है। प्रदेश बीजेपी के वरिष्ठ नेता सरकार में शामिल हैं, खुद मंत्री हैं पर असंतुष्ट हैं। दो वरिष्ठ मंत्रियों की नाराजगी तो सरेआम सामने आ चुकी है। हाल ये है कि विधानसभा में भी सत्ता पक्ष एकजुट दिखाई नहीं दिया। कई मुद्दों पर बिखराव साफ नजर आया। बीजेपी के एक विधायक तो जमीन की हेराफेरी मामले में पार्टी के सबसे सीनियर नेता और सरकार के वरिष्ठ मंत्री को घेरते दिखाई दिए।
सिंहस्थ क्षेत्र उज्जैन में जमीनों की हेराफेरी के आरोपों पर सदन में खासा हंगामा हुआ। घट्टिया से भाजपा विधायक सतीश मालवीय ने सिंहस्थ की 1.64 हेक्टेयर जमीन की हेराफेरी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि आरक्षित जमीन 1 व्यक्ति को दे दी गई।
भाजपा विधायक सतीश मालवीय ने प्रश्नकाल में जमीनों की हेराफेरी के ये आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा, 1.64 हेक्टेयर जमीन एक व्यक्ति को दे दी गई। कांग्रेसी विधायकों ने भी आरोपों को हवा दे दी।
खास बात यह है कि भाजपा विधायक ने इस मामले में मध्यप्रदेश बीजेपी के वरिष्ठ नेता प्रदेश के नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय को भी घेर लिया। इससे सदन में सरकार की खूब किरकिरी हुई। दरअसल कैलाश विजयवर्गीय ने आरोपों को नकारते हुए कह दिया कि मास्टर प्लान से कोई छेड़छाड़ नहीं कर सकता। इस पर विधायक मालवीय ने तुरंत कहा, आपको अफसरों ने भ्रमित किया है, मेरे पास दस्तावेज हैं। भाजपा विधायक डॉ. चिंतामणि मालवीय ने भी सिंहस्थ के नाम पर जमीनों को खुर्दबुर्द करने के आरोप लगाए।
आप जैसे वरिष्ठ भी भ्रमित हो गए’
बीजेपी विधायक सतीश मालवीय ने वरिष्ठ मंत्री कैलाश विजयवर्गीय से कहा कि आप जैसे वरिष्ठ भी भ्रमित हो गए। दोनों के बीच कुछ इस तरह बातचीत हुई-
● विधायक सतीश मालवीय: आप वरिष्ठ, आपको भी अफसरों ने भ्रमित किया?
मंत्री कैलाश विजयवर्गीय: मैंने मामले को देखा, नियमों के तहत अनुमति दी।
● विधायक सतीश मालवीय: (दस्तावेज लहराते हुए) मेरे पास दस्तावेज हैं। वरिष्ठ अफसरों से जांच कराएं।
मंत्री कैलाश विजयवर्गीय: आप जांच चाहते हैं तो टीएंडसीपी के डायरेक्टर, ज्वॉइंट डायरेक्टर को भेज दूंगा। आप भी उसमें शामिल हों, जो आपके पास जानकारी हो, उपलब्ध करा दें।