MP:  सागर में दो मुख्यमंत्रियों का कार्यक्रम, बीजेपी की अंदरूनी लड़ाई आई सामने, एक पूर्व मंत्री ने नहीं कराया स्वागत, दूसरे के लिए लगे नारे शेर आया..

Bhopal। मध्य प्रदेश की राजनीति में इन दिनों सागर जिला चर्चा के केंद्र में बना हुआ है. क्योंकि यहां दो नेताओं के बीच सियासी अदावत अब खुलकर सामने आती दिख रही है. सागर गौरव सम्मान दिवस के मौके पर सीएम मोहन यादव के सामने ही पूर्व मंत्री और खुरई से विधायक भूपेंद्र सिंह मंच पर स्वागत कराने से इंकार कर दिया. जिसके बाद से ही सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म है. क्योंकि इससे पहले कार्यक्रम को लेकर जो पोस्टर लगाए गए थे, उनमें भूपेंद्र सिंह और गोपाल भार्गव की फोटो नहीं थी. वहीं जब कार्यक्रम में गोपाल भार्गव बोलने उठे तो उनके समर्थकों ने भी जमकर नारेबाजी करनी शुरू कर दी।

पहले पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह ने अपना स्वागत नहीं कराया, जब अधिकारी उनके सामने गुलदस्ता लिए रहे तो उन्होंने वहीं गुलदस्ता लेकर सीएम मोहन यादव का सम्मान किया. वहीं बाद में जब वह बोलने आए थो उन्होंने मंच पर बैठे मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का नाम भी नहीं लिया. उन्होंने एक तरह से अपनी नाराजगी भी जताई. भूपेंद्र सिंह ने कहा कि बैनर-पोस्टर में फोटो से कुछ नहीं होता है लोगों के दिलों में जगह होनी चाहिए. कांग्रेस की सरकार में 50 साल तक कुछ काम नहीं हुआ, लेकिन बीजेपी की सरकार में काम हुआ है, सागर में मेडिकल कॉलेज की देन हमारी ही सरकार की थी. दरअसल, पिछले दिनों मंत्री भूपेंद्र सिंह ने इशारों ही इशारों में मंत्री पर निशाना साधा था।

वहीं जब पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव बोलने आए तो उनके समर्थकों ने जमकर नारेबाजी की. जनता से आवाज आई ‘शेर आया शेर आया’ इस पर पूर्व मंत्री ने कहा कि शेर बूढ़ा तो नहीं हुआ ? 10-15 साल और निकालना है. उन्होंने कहा कि 2014 में देश में पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार बनी इसके बाद सब गवाह है कि कैसे काम हुआ है. पहले सागर कैसा लगता था, लेकिन आज सागर की स्थिति बदल गई है।

गुटबाजी आई सामने

इस कार्यक्रम में बीजेपी नेताओं की गुटबाजी एक तरह से खुलकर सामने आ गई. क्योंकि पहले सरकारी होर्डिंग्स से छह विधायकों की फोटो नहीं थी, तो बाद में मंच पर बोलने वालों में उनका नाम नहीं था. हालांकि बाद में जब सीएम ने हस्तक्षेप किया तो सभी ने अपनी बात रखी. बता दें कि सागर जिले में पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह और मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को लेकर सियासत गर्माई हुई है. प्रदेश के सियासी गलियारों में भी दोनों नेताओं के शीतयुद्ध की चर्चाएं चल रही हैं।

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