MP: पीसीसी अध्यक्ष जीतू पटवारी ने राष्ट्रपति से समय मांगा, कहा – प्रदेश में महिलाओं की अंतहीन बदहाली का ब्यौरा प्रस्तुत करना चाहता हूं

भोपाल। मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने राज्य के प्रवास पर आ रहीं राष्ट्रपति श्रीमती ज्योति मुर्मू से मुलाकात के लिए समय मांगा है। इसके लिए उन्हें पत्र भी लिखा है। उनका कहना है कि वह उन्हें प्रदेश में महिलाओं की वास्तविक स्थिति बताना चाहते हैं।

पटवारी ने पत्र में लिखा है …बीते दिनों कोलकाता में डॉक्टर के बलात्कार और हत्या की सनसनीखेज वारदात के बाद आपके विचार पढ़े! मैं पूरी गहराई और गंभीरता से समझ सकता हूं कि आपका स्तब्ध मन इस निंदनीय कृत्य से कितना विचलित हुआ है!

आपकी यह धारणा भी सच है कि “यह अकेली घटना नहीं है। यह महिलाओं के खिलाफ अपराध का एक हिस्सा है। कोई भी सभ्य समाज अपनी बेटियों और बहनों पर इस तरह के अत्याचारों की इजाजत नहीं दे सकता। देश के लोगों का गुस्सा जायज है, मैं भी गुस्से में हूं। जब भी मैं देश के किसी कोने में महिलाओं के खिलाफ अपराधों के बारे में सुनती हूं, तो मुझे गहरी पीड़ा होती है।”

लोकतंत्र और संविधान की शीर्ष पंक्ति पर बैठे व्यक्ति के अंदर की यह संवेदनशीलता आंशिक राहत भी देती है कि महिला सुरक्षा और सम्मान के मुद्दे पर निर्मम होती जा रही व्यवस्था के बीच, कोई एक ऐसा है जो महिलाओं की सुरक्षा पर चिंता के साथ चिंतन भी कर रहा है!

महोदया, मैं सर्वप्रथम मेरे मध्य प्रदेश की धरती पर आपका हृदय से स्वागत करता हूं और महिला सुरक्षा-सम्मान से जुड़े आपके सरोकारों की मुक्त कंठ से प्रशंसा भी करता हूं। मैं आपके संज्ञान में यह भी लाना चाहता हूं कि मध्य प्रदेश में भी महिला उत्पीड़न चिंताजनक स्थिति में पहुंच चुका है! मेरे प्रदेश में गरीब, दलित और आदिवासी महिलाओं से जुड़े अपराध देश में सबसे ज्यादा हैं!

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) प्रतिवर्ष जो आंकड़े जारी करता है, मध्य प्रदेश महिला उत्पीड़न की अनेक और अलग-अलग श्रेणियां में सबसे आगे रहता है! सकारात्मक विपक्ष के रूप में मैं और मेरे दल के नेता-कार्यकर्ता शिकायत के साथ सुझाव और समाधान भी देते रहते हैं! लेकिन, मप्र में महिला उत्पीड़न के हालात लगातार अनियंत्रित होते जा रहे हैं!

महोदया, आपके मध्य प्रदेश आगमन पर मैं, कांग्रेस की अपनी दलित, पिछड़ी और आदिवासी विधायक बहनों के साथ आपसे भेंट करना चाहता हूं और प्रदेश में महिलाओं की अंतहीन बेहाली/बदहाली का ब्यौरा प्रस्तुत करना चाहता हूं। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं हमारे शिष्टमंडल में समस्या के स्थान पर संवाद, सुझाव और समाधान ही प्राथमिकता में रहेंगे! यदि आप समय देकर हमें सुन लेंगे, तो मप्र में महिलाओं की स्थिति पर एक सार्थक संवाद की शुरुआत हो जाएगी, सुधार की संभावनाएं भी बढ़ जाएंगीं!

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Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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