MP:  दोऊ दीन से गए पांडे…फिर भी  केपी यादव ने अपने समर्थकों से कहा… टाइगर अभी जिंदा है, आप लोग निराश न हों”

भोपाल। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को हराने वाले पूर्व सांसद केपी यादव की हालत ऐसे हो गई है कि उन पर ये कहावत फिर बैठती है..  दोऊ दीन से गए पांडे , हलुवा मिले न मांडे..। लेकिन वो अपने समर्थकों से ये जरूर कह रहे हैं कि वे निराश न हों। इधर पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा, जयभान सिंह पवैया और कांग्रेस से आए पूर्व केंद्रीय मंत्री  सुरेश पचौरी भी खासे निराश हैं। उन्हें उम्मीद थी कि या तो राज्यसभा की टिकट मिलेगी या कहीं और एडजस्ट किया जायेगा। पचौरी तो राज्यपाल बनने के लिए भी खासी लॉबिंग कर रहे थे। बीजेपी हाई कमान ने केरल के जार्ज कुरियन को एमपी से राज्यसभा भेज दिया और ये सब टापते रह गए।

पहले केपी यादव की बात करते हैं। मंगलवार को कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर मुंगावली में धार्मिक आमसभा में पूर्व सांसद डॉ.केपी यादव ने मंच से संबोधित करते हुए अपने दुख और दर्द को भी सार्वजनिक रूप से बयां कर दिया. केपी यादव ने कहा”कुछ लोग मुझे देखकर उदास हो रहे हैं. लेकिन वह कुछ कह नहीं पा रहे हैं. लेकिन मैं आपको बता दूं कि आप लोग उदास ना हो, बंसी वाले पर भरोसा कीजिए. क्योंकि टाइगर अभी जिंदा है”।

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अमित शाह के आश्वासन के बाद भी केपी यादव खाली हाथ
बता दें कि पिपरई आमसभा में सिंधिया का प्रचार करने आये केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने संबोधन में कहा था “आज मैं कह कर जाता हूं कि केपी यादव ने इस क्षेत्र की बहुत सेवा की है. केपी यादव की चिंता मुझ पर छोड़ दीजिए.” इस बयान के बाद माना जा रहा था कि केपी यादव को राज्यसभा में मौका मिलेगा. लेकिन सिंधिया से खाली हुई राज्यसभा की सीट साउथ इंडियन बीजेपी नेता को दे दी गई. इससे केपी यादव के समर्थक नाराज दिखाई दे रहे हैं. गौरतलब है कि लोकसभा 2019 के चुनाव में केपी यादव ने सिंधिया को हरा दिया था. बाद में सिंधिया ने बीजेपी का दामन थाम लिया।

नरोत्तम को भी पूरा भरोसा था

इधर पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा को राज्यसभा की टिकट मिलने का पूरा भरोसा था। इनके अमित शाह से करीबी संबंध रहे हैं। उन्हें मध्य प्रदेश बीजेपी की ज्वाइनिंग टोली का प्रमुख बनाया गया था। उन्होंने राज्य को कांग्रेस विहीन करने में ताकत भी झौंक दी थी। लेकिन उन्हें राज्यसभा का टिकट नहीं मिला। पार्टी नेताओं का कहना है कि ऐसे आश्वासन तो चुनाव के समय दिए ही जाते हैं, पूरे थोड़े ही होते हैं।

पचौरी भी खाली  हाथ

इधर भोपाल सीट जिताने का श्रेय ले रहे कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी को भी निराशा हाथ लगी है। उन्होंने तो अपने प्रदेश भर के लोगों को बीजेपी में शामिल करवा लिया था। कुछ रह गए।उनके साथ गए वरिष्ठ साथी कहने लगे कि अब भाईसाहब को राज्यपाल बनाया जाएगा, नही तो  राज्यसभा  जाना तो तय है ही। फिलहाल वो भी खाली हाथ हैं और उनके साथ गए इंदौर के पूर्व एमएलए पर तो फिर पेनाल्टी की नौबत आ गई है, जिसके चलते वो बीजेपी में गए थे।

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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