MP: अब 19 दिसंबर को होगी विधायक सप्रे केस की सुनवाई: इंदौर हाईकोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष- निर्मला को जारी किया नोटिस

भोपाल। लोकसभा चुनाव के दौरान मई में सीएम डॉ मोहन यादव के समक्ष बीजेपी का गमछा डालने वाली बीना विधायक निर्मला सप्रे के दलबदल मामले को लेकर 19 दिसंबर को सुनवाई होगी। एमपी हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में आज (9 दिसंबर) को नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार की ओर से लगाई गई याचिका पर पहली सुनवाई हुई।

स्पीकर और बीना विधायक को नोटिस
नेता प्रतिपक्ष की ओर से लगाई गई रिट पिटीशन पर हाईकोर्ट ने मप्र विधानसभा के अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर और बीना विधायक निर्मला सप्रे को नोटिस जारी किए हैं। अगली सुनवाई के लिए 19 दिसंबर की तारीख तय की है। विधानसभा अध्यक्ष की ओर से जवाब देने के लिए 19 दिसंबर को मप्र हाईकोर्ट के महाधिवक्ता इंदौर हाईकोर्ट में तर्क रखेंगे।

कांग्रेस ने लगाई विधानसभा सदस्यता रद्द करने की याचिका

कांग्रेस ने अपनी ही पार्टी की विधायक निर्मला सप्रे के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका लगाई है। कांग्रेस ने मांग की है कि सागर जिले के बीना से विधायक सप्रे ने दल-बदल किया है, इसलिए उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द की जाए। सप्रे 6 महीने से भाजपा के साथ हैं, लेकिन विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया है। विधायक निर्मला सप्रे लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान 5 मई को राहतगढ़ में सीएम डॉ. मोहन यादव के कार्यक्रम में मंच पर पहुंची थी। तब से वे कांग्रेस से दूरी बनाते हुए भाजपा के साथ हैं। लेकिन औपचारिक रूप से भाजपा की सदस्यता नहीं ली है। इसी वजह से आधिकारिक तौर पर अब भी वो कांग्रेस की विधायक हैं।

कांग्रेस ने निर्मला की सदस्यता खत्म कराने को लेकर हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में याचिका लगाई है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा था कि विधानसभा अध्यक्ष को जुलाई में हमने पत्र दिया था। विधानसभा ने कागज गुमा दिए। 90 दिन बाद भी अध्यक्ष ने कोई निर्णय नहीं लिया इसलिए हमें हाईकोर्ट जाना पड़ा।

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