MP: नागर के तेवर नरम हुए, सांसद पत्नी ने साधी चुप्पी, पूर्व मंत्री विश्नोई का छलका- दलबदलू नेताओं का मंत्री बनना उनका सौभाग्य, हमारा दुर्भाग्य

भोपाल। वन एवं पर्यावरण विभाग छिनने से नाराज होकर इस्तीफा देने पर अड़े मंत्री नागर सिंह चौहान के तेवर मंगलवार देर रात नरम पड़ गए। सीएम डॉ. मोहन यादव, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ओर संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा ने नागर से बंद कमरे में चर्चा की।
नागर सोमवार रात पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से मिलकर अपनी बात रखने दिल्ली गए थे। नागर मंगलवार को दिनभर दिल्ली में रहे। वे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात करना चाहते थे, लेकिन ये मुलाकात नहीं हो सकी। उनकी सिर्फ केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, वीडी शर्मा और हितानंद शर्मा से बात हुई। इसके बाद तीनों भोपाल लौट आए। यहां रात में ही सीधे सीएम हाउस पहुंचे।
सीएम हाउस में देर रात करीब 12 बजे तक चली बैठक चली। नागर को बेहतर भविष्य का आश्वासन दिया गया है। उन्हें समझाया गया कि वे मध्यप्रदेश के इकलौते ऐसे मंत्री हैं, जिसकी पत्नी सांसद हैं। हालांकि, पूरे प्रकरण पर उनकी पत्नी सांसद अनीता सिंह चौहान ने चुप्पी साध रखी है।
अपनी ही पार्टी में ठगा महसूस कर रहे: विश्नोई
भाजपा के सीनियर लीडर और पूर्व मंत्री अजय विश्नोई ने जबलपुर में कहा, ‘नागर सिंह चौहान ने सोच-समझकर कदम उठाया होगा। मंत्री बनना दलबदलू नेताओं का सौभाग्य और हमारा दुर्भाग्य है। हम अपनी ही पार्टी में ठगा महसूस कर रहे हैं।’
सांसद पत्नी ने बात करने से किया इनकार

नागर की नाराजगी वाले घटनाक्रम के बीच ऐसी अटकलें रहीं कि उनकी पत्नी व रतलाम सांसद अनिता नागर सिंह चौहान केंद्रीय बजट के दौरान सदन में अनुपस्थित रहीं। हालांकि, वीडी शर्मा ने स्पष्ट कर दिया कि वे सदन में मौजूद थीं। मध्यप्रदेश के दूसरे सांसद जरूर अनिता नागर सिंह चौहान की अनुपस्थिति की बात कह रहे थे।
सांसद अनिता चौहान से फोन पर पूछा तो उन्होंने सवाल सुनने के बाद कहा कि वे इस संबंध में कोई बात नहीं करेंगी।
क्यों वापस लिया विभाग, इसका जवाब सीएम के पास
जबलपुर में मंगलवार को पाटन से भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री अजय विश्नोई ने मीडिया से कहा, ‘नागर सिंह चौहान का विभाग उनसे क्यों वापस लिया गया, इसका जवाब मुख्यमंत्री और मंत्री जी के पास होगा। इसमें तीसरे व्यक्ति की टिप्पणी करना सही नहीं होता।
ये उनका सौभाग्य है कि कांग्रेस से भाजपा जॉइन की और मंत्री बने। वहीं, हमारा दुर्भाग्य है कि हमारी ही पार्टी में सीनियर नेताओं को कोई सुनने वाला नहीं है। किसी की नाराजगी को लेकर मेरा जवाब देना सही नहीं है। ये मामला मुख्यमंत्री और मंत्री के बीच का है, उन्हें ही तय करने दीजिए। जब कभी मुझे लगता है कि ये सच है, तो मैं अपनी बात जनता और संगठन के सामने रख देता हूं।’
सीएम की तोमर, विजयवर्गीय से बंद कमरे में चर्चा
मंगलवार दोपहर को सीएम डॉ. मोहन यादव की विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर और संसदीय कार्यमंत्री कैलाश विजयवर्गीय के साथ विधानसभा में करीब आधे घंटे तक बंद कमरे में चर्चा हुई। इस बैठक को भी नागर सिंह चौहान की नाराजगी से जोड़कर देखा जा रहा है।
नागर के पास अब अनुसूचित जाति कल्याण विभाग बचा
आलीराजपुर से विधायक नागर सिंह चौहान के पास अब सिर्फ अनुसूचित जाति कल्याण विभाग ही बचा है। मंत्री पद की शपथ के बाद हुए बंटवारे में उन्हें वन, पर्यावरण और अनुसूचित जाति कल्याण विभाग दिए गए थे। दो विभाग वन एवं पर्यावरण उनसे लेकर रामनिवास रावत को दिए गए हैं। इससे वे नाराज चल रहे हैं।

Exit mobile version