MP : बीजेपी के अंदर भड़क रही आग! मंत्री, सांसदों और विधायकों में खुलेआम बढ़ रही तकरार
भोपाल। मध्य प्रदेश के चुनावों में बीजेपी को प्रचंड जीत मिली है। राज्य से लेकर केंद्र तक में अपनी सरकार है। इसके बावजूद मध्य प्रदेश बीजेपी के अंदर गुटबाजी की आग भड़क रही है। अब यह लड़ाई खुलकर सामने आ गई है। यह लड़ाई सरकार और संगठन को असहज करने वाली है। केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार खटीक के खिलाफ अपने ही विधायकों ने मोर्चा खोल दिया है। वहीं, राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल और नर्मदापुरम सांसद के बीच प्रोटोकॉल को लेकर मामला उलझ गया। इसी तरह से विंध्य में रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा और त्योंथर विधायक सिद्धार्थ तिवारी में ठन गई है।
टीकमगढ़ से सांसद और केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार खटीक के खिलाफ अपने ही लोगों ने मोर्चा खोल दिया है। पहले पूर्व मंत्री मानवेंद्र सिंह ने कहा था कि वह कांग्रेसियों का पक्ष ले रहे हैं। साथ ही अपराधियों को प्रतिनिधि बना रहे हैं। अब मीडिया से बात करते हुए विधायक ललिता यादव ने कहा है कि मानवेंद्र सिंह ने सच कहा है। कांग्रेस के रिकॉर्डेड एजेंट को वह प्रतिनिधि बना रहे हैं। सभी विधायक उनसे परेशान हैं।
वहीं, विवादों पर केंद्रीय मंत्री ने सफाई देते हुए कहा है कि मैं सीधा साधा व्यक्ति हूं। साथ ही सीधी राजनीति करता हूं। मैं कार्यकर्ताओं के साथ खड़ा हूं। आयातित लोग कार्यकर्ताओं को सर्टिफिकेट देने लगेंगे, जिन्हें खुद पार्टी में आए कितना समय हुआ है।
नाम को लेकर भड़क गए मंत्री
दरअसल, रायसेन जिले के एक स्कूल में कार्यक्रम का आयोजन था। इस कार्यक्रम में नर्मदापुरम सांसद दर्शन सिंह चौधरी और राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल गेस्ट थे। स्कूल के आमंत्रण पत्र में सांसद का नाम ऊपर था और मंत्री का नीचे। यह बात मंत्री जी को नागावार गुजरी और कथित तौर पर स्कूल की मान्यता रद्द करने की वार्निंग दिलवा दी। बाद में स्कूल को माफी मांगनी पड़ी। हालांकि दर्शन सिंह चौधरी ने कहा था कि मुझे इस बात की जानकारी नहीं है।
सांसद और विधायक में ठनी
इसी तरह से विंध्य क्षेत्र में रीवा सांसद और त्योंथर विधायक के बीच ठन गई है। रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा ने एक कार्यक्रम में बीजेपी विधायक सिद्धार्थ तिवारी के दादा और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी को लेकर टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि तिवारी ने लूट, भ्रष्टाचार और गुंडागर्दी की राजनीति की है। इस पर श्रीनिवास तिवारी के पोते और बीजेपी विधायक सिद्धार्थ तिवारी ने कहा कि दिवंगत नेता पर इस तरह की टिप्पणी सही नहीं है। जनता की सेवा के लिए जिसने अपनी जिंदगी न्यौछावर कर दी, उसे किसी की सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है।
गौरतलब है कि बीजेपी नेताओं के बीच बढ़ रही तल्खियों ने कांग्रेस को मौका दे दिया है। कांग्रेस ने कहा है कि पार्टी की अंदरूनी गुटबाजी खुलकर सामने आने लगी है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा है कि ये BJP में मंत्रियों और सांसदों के बीच चल रही गलाकाट प्रतिस्पर्धा है या जलन की भावना।