MP congress Sevadal: जीतू पटवारी ने कहा हम 25 साल से राजनीतिक सूखा झेल रहे, पंचायत स्तर तक संगठन तैयार होगा
भोपाल। एमपी में कांग्रेस अब पंचायत स्तर पर अपना संगठन तैयार करेगी। पंचायत में कांग्रेस के अध्यक्ष और सेवादल के कार्यकर्ताओं की नियुक्ति होगी। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में हुए सेवादल के प्रदेश स्तरीय सम्मेलन में मप्र कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा, ‘हम पिछले 25 साल से जब राजनीतिक सूखा भोगते हैं, तो हमारे कार्यकर्ताओं को यातना करनी पड़ती है।’
पटवारी ने कहा, ‘यह सच है कि हाल ही में जो लोकसभा के चुनाव हुए, उसमें कांग्रेस की पराजय बहुत चिंताजनक है। इसके पहले विधानसभा के चुनाव हुए, उसमें भी हम जीत की ओर अग्रसर नहीं हो पाए। इससे बड़ी चिंता का विषय यह है कि 1998 के बाद से लगातार कांग्रेस संघर्ष कर रही है।’
उन्होंने कहा, ‘2018 के चुनाव में बीजेपी के वोट ज्यादा थे, हमारी 5 सीटें ज्यादा थीं। लगातार कांग्रेस पार्टी को संघर्ष से गुजरना पड़ रहा है। जब हम कांग्रेस की मजबूती की बात करते हैं तो स्वाभाविक है कि कांग्रेस की मजबूती तभी संभव है, जब सेवादल के साथी हर गांव में मध्यप्रदेश के 65000 बूथों पर तैनात हों। जब 65 हजार बूथों पर सेवादल के दो – दो साथी बनेंगे, तो सेवा दल के भोपाल में 1 लाख 30 हजार कार्यकर्ताओं की सेना नजर आएगी।’
पंचायत स्तर पर कांग्रेस अध्यक्ष और सेवादल के संगठक होंगे
पटवारी ने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी ऐसा प्रोग्राम लेकर आ रही है, जिसमें हमारी पार्टी पंचायत स्तर टीम तैयार करेगी। इसमें कांग्रेस पार्टी का पंचायत स्तर पर अध्यक्ष होगा। सेवादल भी पंचायत संगठक की नियुक्ति करे। हर वार्ड स्तर पर कांग्रेस का अध्यक्ष और सेवादल का संगठक तैनात किया जाए। बूथ स्तर पर दो- दो कार्यकर्ता सेवादल के सिपाही के रूप में तैनात किए जाएं। ये काम सेवाजल के जिला संगठकों को हाथ में लेना होगा। सेवादल की गरिमा से का पुर्नजागरण जब होगा तभी कांग्रेस मजबूत होगी।’
हमारे कार्यकर्ताओं को यातना झेलनी पड़ती है
पटवारी ने कहा, ‘हम पिछले 25 साल से जब राजनीतिक सूखा भोगते हैं। तो हमारे कार्यकर्ताओं को यातना झेलनी पड़ती है। मध्य प्रदेश में किस तरह की हालात हैं। भारतीय जनता पार्टी ने जो वचन पत्र दिया उस पर आज तक एक शब्द भी नहीं बोला। जो किसानों गरीबों, महिलाओं, दलितों के उत्थान की बात की थी उस पर एक शब्द भी आज तक आगे नहीं बढ़े। मध्य प्रदेश दलित अत्याचार में, महिलाओं के बलात्कार और किसानों पर अत्याचार में नंबर वन हो गया है। मध्य प्रदेश कर्जदार है प्रति व्यक्ति कर्ज की व्यवस्था में मध्य प्रदेश नंबर वन है।’