MP बुधनी उप चुनाव: अपनी सीट बचाने के लिए शिवराज को उतरना पड़ा मैदान में..

भोपाल। बुधनी के उपचुनाव में बीजेपी को इस बार जोर लगाना पड़ रहा है। वजह है- किसान और राजपूत समाज की नाराजगी। नसरूल्लागंज के किसानों ने चुनाव के बहिष्कार का ऐलान किया है। वहीं, पूर्व विधायक राजेंद्र सिंह राजपूत को टिकट न मिलने से करणी सेना ने अपना उम्मीदवार मैदान में उतार दिया है। मुकाबला तगड़ा होने के कारण केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को अपनी सीट बचाने के लिए मैदान में उतरना पड़ा है।

4 दिन पहले केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधनी की सभा में ये बात कही थी कि चिंता क्यों करते हो, मैं कहां जाऊंगा? मैं कहीं नहीं जाऊंगा। मरकर भी नहीं छोडूंगा। चला जाऊंगा तो दोबारा यहीं पैदा हो जाऊंगा। दिल्ली दूर थोड़ी है, मैं बीच-बीच में आऊंगा।’ । मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी उनके साथ थे। बुधनी में उपचुनाव की तारीख का ऐलान होने के बाद शिवराज यहां 10-12 सभाएं ले चुके हैं। जानकारों को ये हैरान कर रहा है क्योंकि वे खुद कभी अपने चुनाव में प्रचार करने नहीं आए थे।

दरअसल, बुधनी के उपचुनाव में बीजेपी को इस बार जोर लगाना पड़ रहा है। वजह है- किसान और राजपूत समाज की नाराजगी। नसरूल्लागंज के किसानों ने चुनाव के बहिष्कार का ऐलान किया है। वहीं, पूर्व विधायक राजेंद्र सिंह राजपूत को टिकट न मिलने से करणी सेना ने अपना उम्मीदवार मैदान में उतार दिया है। दूसरी तरफ, कांग्रेस उम्मीदवार राजकुमार पटेल क्षेत्र के लिए जाना-पहचाना चेहरा हैं लेकिन समाजवादी पार्टी ने अर्जुन आर्य को मैदान में उतार कर उनके लिए मुसीबत पैदा कर दी है।

बीजेपी के रमाकांत भार्गव के लिए शिवराज सिंह चौहान, उनके बेटे कार्तिकेय, सीएम डॉ. मोहन यादव समेत तमाम बड़े नेता चुनाव प्रचार में जुटे हैं। शिवराज झारखंड के चुनाव प्रचार के साथ-साथ बुधनी में भी प्रचार के लिए पहुंच रहे हैं। बीजेपी नेता रमाकांत भार्गव को वोट देने की अपील कर रहे हैं, मगर काम शिवराज के गिना रहे हैं।
कांग्रेस उम्मीदवार राजकुमार पटेल के लिए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी हर दूसरे-तीसरे दिन प्रचार करने पहुंच रहे हैं। जीतू पटवारी बीजेपी पर हमलावर हैं। वे सवाल उठा रहे हैं कि 20 साल में शिवराज ने बुधनी में 20 काम भी नहीं किए। राजकुमार पटेल पुराने संबंधों का हवाला देकर वोट मांग रहे हैं।

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करणी सेना के उम्मीदवार अजय सिंह राजपूत स्वाभिमान बनाम अभिमान के मुद्दे पर राजपूत समाज के बीच जा रहे हैं। दरअसल, पूर्व विधायक राजेंद्र सिंह राजपूत को यहां से टिकट नहीं मिला तो करणी सेना ने अपना उम्मीदवार खड़ा किया है। यहां राजपूत समाज के वोटरों की संख्या 20 हजार के करीब है।
समाजवादी पार्टी के अर्जुन आर्य आदिवासी किसान नेता हैं। पिछले लंबे समय से आदिवासी और किसानों के हक की लड़ाई लड़ रहे हैं। पहले वे कांग्रेस में थे। जब कांग्रेस से उन्हें टिकट नहीं मिला तो उन्होंने समाजवादी पार्टी जॉइन की। अब अर्जुन आर्य बीजेपी-कांग्रेस पर हमलावर हैं।

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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