Maharashtra: ‘पहले महायुति को एलान करने दीजिए’, मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर उद्धव ठाकरे ने रखी शर्त

मुम्बई। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव में अब कुछ ही हफ्तों का समय बचा है। ऐसे में सभी राजनीतिक पार्टियां चुनाव की तैयारियों में जुटी हैं। सीएम चेहरे के उम्मीदवारों की भी चर्चा है। इस बीच शिवसेना यूबीटी नेता उद्धव ठाकरे से जब महाविकास अघाड़ी गठबंधन की तरफ से सीएम चेहरे को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि पहले सत्ताधारी महायुति गठबंधन को सीएम उम्मीदवार का एलान करने दीजिए, उसके बाद उनका गठबंधन भी अपने उम्मीदवार का एलान कर देगा।

महाविकास अघाड़ी (एमवीए) के घटक दलों के नेताओं ने रविवार को संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। इस दौरान शिवसेना यूबीटी के नेता उद्धव ठाकरे से एमवीए (महाविकास अघाड़ी) के मुख्यमंत्री पद के चेहरे पर सवाल किया गया। इसके जवाब में ठाकरे ने कहा कि ‘महायुति को अपना सीएम चेहरा घोषित करने दें, एमवीए भी उसका अनुसरण करेगा। सरकार में होने के नाते महायुति गठबंधन को पहले अपने सीएम चेहरे का एलान करना चाहिए।’


महायुति में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना, भाजपा और अजित पवार की एनसीपी शामिल हैं। शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा कि हाल ही में हुए हरियाणा विधानसभा चुनावों में कांग्रेस और भाजपा के वोट शेयर में केवल 0.6 प्रतिशत का अंतर है, फिर भी भाजपा को अधिक सीटें मिलीं। उन्होंने कहा, ‘जम्मू-कश्मीर चुनाव परिणाम पर चर्चा क्यों नहीं की जाती? अनुच्छेद 370 (जिसने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा दिया था) को निरस्त करने के बाद, पार्टी (भाजपा) को चुनावों में जीत हासिल करनी चाहिए थी।’

शरद पवार बोले- लोग बदलाव के लिए उत्सुक
जब एनसीपी-एसपी प्रमुख शरद पवार से सीएम चेहरे को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने उद्धव ठाकरे के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि ‘जो भी उद्धव ठाकरे ने सीएम चेहरे को लेकर कहा, वह साफ है।’ उन्होंने कहा कि ‘महाराष्ट्र सरकार की मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना एक धोखा है, जिसके लिए बजट में कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं है। अगर वे योजना के लिए अलग से वित्तीय प्रावधान करते तो योजना का विरोध नहीं होता।’

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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