भोपाल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज मप्र के दौरे पर आ रहे हैं। सागर, हरदा में जनसभाओं को संबोधित करने के बाद शाम को पीएम भोपाल पहुंचकर रोड-शो करेंगे। पीएम के मप्र दौरे के पहले पीसीसी चीफ जीतू पटवारी, कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा ने जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस की। पटवारी ने पीएम मोदी से सवाल पूछे हैं। वहीं कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने कहा -आज संविधान और लोकतंत्र खतरे में है। इसे केवल जनता चुनाव में वोट डाल कर बचा सकती है। आखिर, बीजेपी 400 पार का नारा इसीलिए लगा रही है, क्योंकि बीजेपी संविधान में बदलाव करना चाहती है। जबकि, भारत का संविधान एक बेहतरीन संविधान है। भारत का संविधान लोकतांत्रिक, प्रजातांत्रिक और अभिव्यक्ति की आजादी देता है, पर आज कोई खुल कर बोल नही सकता है।
भाजपा अब सरकार माफिया बन गई है
PM मोदी के एमपी दौरे के पहले पटवारी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा- देश में कथित अमृतलाल चल रहा है एवं इसमें संविधान, बाबासाहब अंबेडकर के विचार, वोट का अधिकार एवं मीडिया की आजादी बचाने की लड़ाई चल रही है। मोदी जी के शासनकाल में 17 सरकारें गिराई गई, 500 से ज्यादा विधायक एवं कई सांसद इधर उधर हुए। जैसे शराब माफिया,भू माफिया, शिक्षा माफिया होते हैं वैसे ही भाजपा अब सरकार माफिया बन गई है।
बीजेपी के लोग मोदी को भगवान बनाने में लगे हैं
पटवारी ने कहा कि क्योंकि प्रधानमंत्री आज रोड शो कर रहे हैं इसलिए, अब वे शोमैन हो गए हैं। भाजपा कहती है कि वे भगवान के अवतार हैं, मुख्यमंत्री ने उन्हें बजरंगबली का अवतार बताया तो बजरंगबली के अवतार यह बताएं कि मध्य प्रदेश की 1.29 करोड़ लाडली बहनों के खाते में 1250 रुपए ट्रांसफर किए जा रहे थे और चुनावके बाद ₹3000 प्रतिमाह की मोदी की गारंटी के लिए क्या किया जा रहा है? सरकार यह पैसा कब से देना शुरू करेगी? भाजपा सरकार ने मोदी की गारंटी के तहत कहा था कि लाड़ली बहना योजना की हितग्राही महिलाओं और प्रधानमंत्री उज्जवला योजना की हितग्राही महिलाओं को योजना का लाभ मिलेगा। इन्हें यह लाभ कब मिलेगा?
2700 रुपए प्रति क्विंटल गेहूं का दाम कब मिलेगा
जीतू पटवारी ने प्रधानमंत्री से पूछा कि प्रदेश में रबी सीजन की प्रमुख फसल गेहूं है, किसान कल्याण तथा कृषि संचालनालय के आंकड़ों के मुताबिक साल 2021-22 में एमपी में 9829 हजार हेक्टेयर रकबे पर गेहूं और 3441 हजार हेक्टेयर भूमि पर धान की फसल ली गई। लेकिन, इनसे किए वादों को पूरा क्यों नहीं गया? गेहूं का उत्पादन 35669 हजार मीट्रिक टन और धान का 12502 हजार मीट्रिक टन रहा। गेहूं धान के इस सीजन में किसानों ने अपना रकबा और बढ़ाया ही है। इस उम्मीद में कि उन्हें गेहूं के लिए 2700 और धान के लिए ₹3100 का भुगतान दिया जाएगा। किसानों के साथ हुई इस धोखाधड़ी की भरपाई कब की जाएगी?
शराब कंपनियों से बीजेपी ने चंदा ले लिया
पटवारी ने पूछा – इलेक्टोरल बॉन्ड में चौंकाने वाले खुलासे हुए। लेकिन, भाजपा ने इसे घोटाला क्यों नही माना? 30 से ज्यादा कंपनियां ऐसी हैं, जिन्होंने छापेमारी के ठीक बाद भाजपा को मोटा चुनावी चंदा दिया। कई और कंपनियों ने अपने नेट प्रॉफिट की तुलना में कई गुना ज्यादा चुनावी चंदा दिया। शराब कंपनियों ने पांच साल में 34.54 करोड़ रुपए चंदा दिया। कोलकाता की केसल लिकर ने 7.5 करोड़, भोपाल के सोम ग्रुप ने 3 करोड़, छत्तीसगढ़ डिस्टलरीज ने 3 करोड़, मध्य प्रदेश से जुड़ी एवरेस्ट ब्रेवरीज ने 1.99 करोड़ और एसो अल्कोहल ने 2 करोड़ दिए। इनमे से कुछ के मालिकों की चंदा देने के बाद जमानत हुई।
भ्रष्टों पर कार्रवाई के लिए मंजूरी क्यों नहीं दे रही सरकार
पटवारी ने पूछा बीजेपी, भ्रष्टाचार को दो आंखों से कब तक देखेगी? विभिन्न जांच एजेंसियों ने भाजपा के अधिकारियों, नेताओं के कार्यालयों, परिसरों पर छापे के बाद उनके खिलाफ 265 मामले दर्ज किए थे, लेकिन मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार ने उनमें से 60 मामले वापस लेने का फैसला किया। इसका सीधा मतलब है कि यह भ्रष्टाचार सरकार के संरक्षण में हो रहा था! प्रधानमंत्री जी यह बताएं कि भ्रष्ट और दागी अफसर पर मुकदमा चलाने की मंजूरी कब दी जाएगी?
भर्ती परीक्षाओं में माफिया से मुक्ति कब मिलेगी
पटवारी ने पूछा कि मध्य प्रदेश में भर्ती परीक्षाओं में सरकारी माफिया से कब मुक्ति मिलेगी? अभी 2 महीने पहले ही इंदौर में बड़ी संख्या में छात्रों ने हाथों में बैनर, पोस्टर लेकर विरोध प्रदर्शन की रैली निकाली और बाद में कलेक्टर कार्यालय जाकर पटवारी भर्ती परीक्षा को निरस्त करने की मांग का ज्ञापन भी सौंपा। व्यापम से शुरू हुआ भर्ती घोटाला का सिलसिला प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को याद आ गया! प्रधानमंत्री जी यह बताएं कि मध्य प्रदेश में कुल कितनी भर्ती परीक्षाएं हुई जिनके पेपर लीक नही हुए? क्या इनमें से एक भी ऐसी थी जिन्हें वह निर्विवाद कह सकते हैं?
मंत्रालय में 4 बार लगी आग में जली फाइलों की जांच कराएं पीएम
पटवारी ने कहा- मार्च में वल्लभ भवन में आग लग गई, इसके पहले सतपुड़ा भवन भी आग का शिकार हुआ था। पिछले साल जून माह में मध्य प्रदेश के दूसरे सबसे बड़े सरकारी दफ्तर सतपुड़ा भवन में भी आग लग गई थी। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि आग लगने से 12 हजार से ज्यादा फाइल में जल गई और 80% से ज्यादा दस्तावेज़ खत्म हो गए। बार-बार आग लगती है जांच की घोषणा होती है लेकिन सिर्फ भ्रष्टाचार का सबूत ही खत्म होता है। मोदी जी ने मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री तो बदल दिया, लेकिन सोची समझी साजिश के तहत लगने वाली इस आग के संस्कार को कब बदला जाएगा?