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Ayodhya: सेवानिवृत्त IAS लक्ष्मीनारायणन ने रामलला को सोने की रामायण अर्पित की

अयोध्या। मध्यप्रदेश के सेवानिवृत्त आईएएस एस लक्ष्मीनारायणन ने अयोध्या पहुंच कर रामलला को सोने की रामायण अर्पित की है। लक्ष्मीनारायणन ने बताया कि प्रभु के श्रीचरणों में स्वर्णिम रामचरित मानस की स्थापना को अंतिम रूप देने हेतु अयोध्या गया था। श्री चंपक राय जी और स्थानीय शीर्ष पुलिस अधिकारियों के परामर्श से, 8 अप्रैल की रात (10 दिनों के बाद) के लिए स्थापना को अंतिम उन्होंने कहा कि हमें सौभाग्य और खुशी हुई कि अयोध्या में रामलला ने हमारे विनम्र योगदान, स्वर्ण रामचरित मानस को स्वीकार कर लिया, और इसे अपने कमल चरणों में रखने की अनुमति दी। इसका वजन 1.5 क्विंटल है। इसे स्थायी रूप से सीधे पर्यवेक्षण के तहत उनके सबसे बड़े भक्त, भगवान हनुमान, गर्भ गृह के प्रवेश द्वार पररखने की अनुमति दी गई, ताकि सभी भक्त उन्हें सम्मान दे सकें।

उन्होंने कहा, हमने महसूस किया कि हमारे जीवन का उद्देश्य और अत्यंत शांति और मन की शांति प्राप्त हो गई है। इस दौरान उनकी पत्नी श्रीमती सरस्वती भी उनके साथ रहीं। रामनवमी के दिन उन्हें 25 लाख की भीड़ आने की उम्मीद है। लाखों लोग अयोध्या में भगवान और उनके राम चरित मानस के दर्शन कर सकेंगे।

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