भोपाल। भोपाल आ कर अमित शाह ने चेतावनी दी थी कि जिन मंत्रियों की विधानसभा में 2019 की तुलना में इस बार कम वोटिंग होगी तो उनको अपने मंत्री पद से हाथ धोना पड़ेगा। तो क्या तीन चरण की वोटिंग के बाद अब मध्यप्रदेश सरकार के 10 मंत्रियों की कुर्सी इस कारण खतरे में आ गई है? इन मंत्रियों की अपनी विधानसभा क्षेत्र में पिछली बार की तुलना में कम मतदान हुआ है।
ऐंदल सिंह कंषाना के यहां 19.4 फीसदी कम वोटिंग हुई है. विजय शाह के हरसूद में 12.7 फीसदी कम वोटिंग हुई है. विश्वास सारंग के क्षेत्र में 6 प्रतिशत कम मतदान हुआ है. गोविंद राजपूज की विधानसभा क्षेत्र में 9.5 फीसदी कम वोटिंग हुई है. राकेश शुक्ला के मेहगांव में 10 प्रतिशत कम वोटिंग हुई है. करण सिंह वर्मा के यहां 7 फीसदी कम मतदान हुआ है. नारायण सिंह कुशवाहा के ग्वालियर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में भी दो फीसदी कम मतदान हुआ है. ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर की ग्वालियर विधानसभा क्षेत्र में 7 फीसदी कम मतदान हुआ है. इसी तरह कृष्णा गौर और गौरव टेटवाल की विधानसभा क्षेत्रों में भी 7 से 9 प्रतिशत कम मतदान दर्ज किया गया है.
ऐसे में इन मंत्रियों की कुर्सी अब खतरे में हैं. अमित शाह इस बात से बेहद नाराज बताए जा रहे हैं कि टारगेट देने के बाद भी कई मंत्रियों के विधानसभा क्षेत्र में कम वोटिंग हुई है. बीजेपी के रणनीतिकार मानते हैं कि इस वजह से पार्टी को चुनाव में नुकसान उठाना पड़ सकता है. अब देखना होगा कि 4 जून को क्या परिणाम निकलकर सामने आता है. परिणाम के हिसाब से ही मंत्रियों की कार्यक्षमता का आकलन बीजेपी आलाकमान करेगा।