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MP:लोकसभा नतीजों के बाद  मध्य प्रदेश कांग्रेस के पुनर्गठन की प्रक्रिया शुरू होगी…!

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भोपाल। विधानसभा चुनाव में हार के बाद और लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी में मची भगदड़ के बीच लोकसभा चुनाव की वोटिंग के बाद अब पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने कांग्रेस के संगठन को दुरुस्त करने की कवायद शुरु की है। एमपी में चार महीनों तक कांग्रेस के संगठन को नए सिरे से खड़ा करने के लिए सभी बड़े नेता वर्कर्स के साथ मंथन करेंगे। लोकसभा चुनाव के परिणाम के अगले ही दिन 5 जून से ही कांग्रेस का मंथन कार्यक्रम शुरु हो जाएगा। 15 अगस्त तक चलने वाले मंथन में सभी कार्यकर्ता बूथ स्तर से लेकर जिला स्तर तक कार्यकर्ताओं की बात सुनकर सुधार के लिए रिपोर्ट बनाएंगे।
विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मात्र 66 सीटें मिलीं। इस करारी हार के बाद कई हारे हुए उम्मीदवारों ने बूथ पर संगठन को कमजोर बताया था। कई केंडिडेट्स ने संगठन में पद लेकर काम ना करने वालों को जिम्मेदार ठहराया था। आगामी समय में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव, नगरीय निकाय चुनाव और परिसीमन के बाद होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस बूथ से लेकर जिला स्तर तक संगठन को दुरुस्त करने की कोशिश में जुट गई है।
29 लोकसभाओं में सबसे सीनियर लीडर बनेंगे प्रभारी
मंथन कार्यक्रम के अंतर्गत कांग्रेस पार्टी के सबसे सीनियर लीडर कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, कांतिलाल भूरिया, डॉ गोविंद सिंह, विवेक तन्खा जैसे वरिष्ठ नेताओं को लोकसभा का प्रभार दिया जाएगा। इसके बाद जिला अध्यक्ष, जिला प्रभारी बूथ स्तर से लेकर मंडलम, सेक्टर लेवल के कार्यकर्ताओं के साथ ब्लॉक लेवल पर बैठक करेंगे। बैठक में नेता भाषण देने के बजाए कार्यकर्ताओं की बात सुनेंगे।
कार्यकर्ताओं के बीच से चिन्हित होंगी चुनौतियां
कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी भंवर जितेन्द्र सिंह और पीसीसी चीफ जीतू पटवारी के निर्देश पर मंथन कार्यक्रम में ब्लॉक स्तर पर बैठक लेने वाले नेता कार्यकर्ताओं के बीच से ही चुनौतियों को चिन्हित करेंगे। कार्यकर्ताओं द्वारा उठाए गए विषयों की पूरी रिपोर्ट बनाई जाएगी। इसके बाद जिला स्तर पर सभी नेताओं की बड़ी बैठक होगी। इस बैठक में जिले भर में कांग्रेस की कमजोरी और चुनौतियों का डॉक्युमेंट तैयार किया जाएगा।
प्रदेश स्तर पर बनेगा कोर गु्रप
प्रदेश भर में जिलाध्यक्ष जिला प्रभारी, लोकसभा प्रभारी और विधानसभा चुनाव लड़े उम्मीदवार हर ब्लॉक में कार्यकर्ताओं की मीटिंग लेंगे। यदि स्थानीय स्तर पर कोई समस्या है तो इसका समाधान लोकल लेवल पर क्या है? इस पर चर्चा होगी। मंथन कार्यक्रम के तहत ब्लॉक से शुरु होकर ये जिला स्तर पर बैठकें होगी। फिर प्रदेश स्तर पर बैठक होगी। प्रदेश भर से आई बातों का डॉक्यूमेंट बनेगा। फिर महिला कांग्रेस, यूथ कांग्रेस, एनएसयूआई, एसटी कांग्रेस, एससी कांग्रेस को मिलाकर कोर ग्रुप बनाया जाएगा।
सितंबर-अक्टूबर में होगा अधिवेशन
प्रदेश भर में बैठकों के बाद सितंबर के अंतिम सप्ताह या अक्टूबर के पहले सप्ताह में कांग्रेस का तीन दिवसीय अधिवेशन होगा। ये पूरी प्रक्रिया चार महीने की चलेगी। इस बीच पीसीसी का गठन हो जाएगा। जिला अध्यक्षों के खाली पद भर दिए जाएंगे। हम कार्यकर्ताओं को सुनेंगे। उसके बाद फिर अधिवेशन में प्रस्ताव पास किए जाएंगे। कांग्रेस में अधिवेशन लंबे समय से नहीं हुआ है। इस साल होने वाले अधिवेशन में पीसीसी डेलीगेट, जिलाध्यक्ष विधायक, सांसद, हारे हुए उम्मीदवार, एआईसीसी डेलीगेट, लोकसभा प्रभारी, जिला प्रभारियों सहित करीब डेढ़ हजार नेता, पदाधिकारी शामिल होंगे। इस अधिवेशन में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष सहित तमाम राष्ट्रीय स्तर के पदाधिकारी शामिल होंगे।

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