Editorial
यूं ही कोई रोहित नहीं बन जाता
एक भावुक दृश्य, जो आंखों से होकर दिल तक चला गया। और दिमाग में खलबली मचा गया…लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में जब वह आउट होकर बोझिल कदमों से लौट रहे थे तो चेहरे पर अजीब खामोशी थी। दुनिया देख रही थी और हर कदम पर शाबाशी दे रही थी। स्टेडियम में मौजूद लोग तालियां बजा रहे थे। स्टैंडिंग ओवेशन दे रहे थे। लेकिन, समझ नहीं आ रहा है कि उसके कदम पवेलियन की ओर लौट रहे थे या फिर उस टीम से दूर जा रहे थे, जिसके लिए उसने सब कुछ अपना न्यौछावर कर दिया। जिसकी खुशी में कभी दीवाना हुआ तो कभी गम में रोया। अब वह शायद ही उस ब्लू जर्सी में दिखे, जिसे उसने बनाया, जिससे वह खुद बना। जिसे बार-बार चैम्पियन ट्राफी भी दिलाई।
ये फ्रेंचाइजी क्रिकेट है। सब कुछ बिकता है और सब कुछ खरीदा जाता है। प्रतिभा-योग्यता, और भी बहुत कुछ..। यहां बिजनसमैन मीना बाजार लगाते हैं। करोड़ों में खिलाड़ी को खरीदते हैं, खिलाते हैं, हर गेंद पर छक्का चाहते हैं, हर गेंद पर विकेट चाहते हैं। अगर ऐसा नहीं होता है तो मनमाना व्यवहार करते हैं। रोस टेलर (राजस्थान रॉयल्स), राहुल द्रविड़ (रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु), डेविड वॉर्नर (सनराइजर्स हैदराबाद), एमएस धोनी (पुणे सुपर जायंट्स), केएल राहुल (लखनऊ सुपर जायंट्स) और ऐसे बहुत से ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्होंने शायद अपना मामला पब्लिक में नहीं आने दिया, लेकिन देखा जाए तो अकूत दौलत वाले बिजनसमैन पैशन के नाम पर क्रिकेट को अपनी फैंटेसी समझते हैं।
जब भारत में क्रिकेट का उदय हो रहा था, तो राजा-महाराजा कप्तान हुआ करते थे। वो पैसा लगाते थे और खुद कप्तान बनते थे। मनमाने तरीके से टीम चलाते थे। आज बिजनेसमैन राजा-महाराजा बन गए हैं। मुंबई इंडियंस और रोहित शर्मा के मामले में रवि शास्त्री की बात उसी ओर इशारा करती है। पूर्व कोच-क्रिकेटर और बेबाक कॉमेंटेटर रवि शास्त्री ने कहा था कि वे मालिक हैं। वे मोटी रकम खर्च करते हैं। उन्हें हक है अपना कप्तान चुनने का। बात भी सही है। रोहित शर्मा को भी करोड़ों मिलते हैं, लेकिन जो इस खेल के फैन हैं, जिन्होंने इस खेल को टॉप पर पहुंचाया है, उन्हें इस तरह का व्यवहार खटकता है।
स्ट्राइक रेट पर भले ही केएल राहुल के फैन उनसे निराश हों, या उनके खिलाफ हों, लेकिन वे कभी भी लखनऊ के मालिक संजीव गोयनका के व्यवहार का समर्थन नहीं करेंगे। वे उम्मीद करते हैं कि किसी भी खिलाड़ी के साथ बेहतर व्यवहार किया जाना चाहिए। केएल राहुल सिर्फ लखनऊ के खिलाड़ी नहीं हैं। वह भारत के खिलाड़ी हैं। कुछ ऐसा ही है रोहित के साथ है। जब आप रोहित की बात करते हैं तो भारतीय टीम के कप्तान की बात होती है। एक प्रतिभाशाली विस्फोटक बल्लेबाज की बात होती है। एक सफल कप्तान की बात होती है। हालांकि, देखा जाए तो रोहित के साथ मुंबई इंडियंस के मालिक की ओर से सार्वजनिक रूप से तो ऐसा कोई व्यवहार नहीं किया गया, जिससे उनकी आलोचना हो, लेकिन हार्दिक पंड्या को जिस तरह से विरासत सौंपी गई वो अपने आप में माहौल को जहरीला बनाने वाला ही साबित हुआ।
कोलकाता नाइटराइडर्स के खिलाफ मैच में रोहित विपक्षी खेमे में बैठे नजर आए। अपने मित्र अभिषेक नायर से टीम के बारे में जिस तरह से बात करते दिखे उसके अलावा भी मैदान पर जो कुछ हुआ उसे देखकर आसानी से समझा जा सकता है कि रोहित कैसा महसूस करते होंगे। एक ओर जहां चेन्नई सुपर किंग्स एमएस धोनी को आखिरी दम तक अपने साथ जोड़े रखना चाहती है तो दूसरी ओर आरसीबी कोई ट्रॉफी नहीं जीत पाने के बावजूद विराट कोहली को अपना पोस्टर बॉय बनाए हुए है। वहीं, मुंबई इंडियंस ने अपने सबसे सफल कप्तान और बल्लेबाज को हार्दिक पंड्या से एक झटके में रिप्लेस कर दिया। टीम को मुश्किल में फंसते देख कई बार रोहित कप्तानी मूड में आए और टीम को जितवाते दिखे तो आखिरी के कुछ मैचों में हार्दिक ने उन्हें इंम्पैक्ट प्लेयर बनाकर ड्रेसिंग रूम में बैठने को मजबूर कर दिया।
यह वही, हार्दिक पंड्या हैं, जो पिछले सीजन तक यह कहते फिर रहे थे कि मुंबई इंडियंस क्रीम खिलाडिय़ों (अच्छे खिलाड़ी) को चुनती है और उनके दम पर ट्रॉफी जीतती है। टीम में हार्दिक के अलावा जसप्रीत बुमराह, सूर्यकुमार यादव, ईशान किशन सहित तमाम स्टार खिलाड़ी थे, जिनके दम पर कोई भी टीम चैंपियन बन सकती है। हालांकि, वह यह कमाल नहीं कर सके। वह भूल गए कि जब मुंबई ने उन्हें चुना था तो कप्तान रोहित शर्मा थे। वह रोहित की कप्तानी में मुंबई इंडियंस से भारतीय टीम तक में खेले और कुछ ही दिन बाद टी-20 विश्व कप में खेलेंगे भी। एक अच्छे खिलाड़ी हैं, एक अच्छे फिनिशर भी कहे जाते हैं, लेकिन शायद एक अच्छे इंसान साबित नहीं हुए।
खैर, रोहित शर्मा को एक खिलाड़ी भर कह देना उचित नहीं होगा। एक क्रिकेटर कहकर बात खत्म नहीं होती। रोहित बेहतरीन खिलाड़ी है। एक कप्तान है, इमोशन हैं… और माफ करना मुंबई इंडियंस…। आप उन्हें टीम में रखो या मत रखो, फैंस की नजरों में वो आज भी मुंबईचा राजा हैं, कल भी मुंबईचा राजा रहेंगे। 5 आईपीएल ट्रॉफी विनर कप्तान भर कह देने से रोहित शर्मा परिभाषित नहीं होते। रोहित आज क्रिकेट की किताब बन चुके हैं। हिस्ट्रीमेकर है रोहित किसी अंबानी या किसी हार्दिक की दया या कृपा के मोहताज नहीं। और हार्दिक भी यदि अपना यह स्वभाव लेकर चलते हैं, तो उनकी पारी भी बहुत लंबी चलने वाली नहीं है। जो दूसरों को नीचा दिखाने की कोशिश करता है, वह बहुत नीचे चला जाता है। बस समय की बात है। हां, रोहित हमें तुम पर नाज है। तुम हमारे फेवरेट क्रिकेटर हो।
– संजय सक्सेना