Vishleshan

Editorial
केंद्रीय बजट में मध्यप्रदेश

WhatsApp Image 2022 10 16 at 00.46.36 2

केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन ने मोदी सरकार का पहला बजट पेश किया, जिसे लोकलुभावन बजट ही कहा जा रहा है। मध्यप्रदेश की बात करें तो भले ही कुछ राज्यों के लिए विशेष पैकेज की घोषणा की गई है, लेकिन मध्यप्रदेश भी कम से कम खाली हाथ तो नहीं है। महाकाल की नगरी उज्जैन से लेकर बड़े शहरों को रिंग रोड की सौगात दी गई है।
बजट में उज्जैन के लिए रेलवे स्टेशन से महाकाल मंदिर तक रोप-वे बनाने की घोषणा हुई है। यह रोप-वे श्रद्धालुओं को सिर्फ 7 मिनट में स्टेशन से मंदिर तक पहुंचा देगा। अभी स्टेशन से मंदिर पहुंचने में 25-30 मिनट लगते हैं। इस प्रोजेक्ट की लागत 100 करोड़ रुपए है। उज्जैन महाकाल मंदिर रोप-वे प्रोजेक्ट 1.762 किमी लंबा होगा। यह मोनो केबल डिटेचेबल गोंडोला तकनीक से बनेगा। इसमें 3 स्टेशन और 13 टॉवर बनाए जाएंगे। इसके अलावा भोपाल, इंदौर, जबलपुर, सागर और ग्वालियर में रिंग रोड के लिए भी राशि का प्रावधान किया गया है।
एमपी की केंद्रीय करों में हिस्सेदारी बढ़ी है। प्रदेश को पिछले बजट के मुकाबले 11 हजार करोड़ रुपए ज्यादा मिले हैं। साथ ही मध्यप्रदेश में संचालित केंद्रीय योजनाओं के लिए 44 हजार करोड़ का अनुदान दिया गया है। विशेष केंद्रीय सहायता के तौर पर प्रदेश को 11 हजार 700 करोड़ रुपए ज्यादा मिलेंगे। मप्र को इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए करीब 10 हजार करोड़ रु. मिले हैं। इस राशि से पांच शहरों में रिंग रोड़ बनाए जाएंगे।
मप्र में इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के प्रोजेक्ट पर केंद्र सरकार पांच साल में 29 हजार 710 करोड़ रु. खर्च करने वाली है। इसमें भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के 19 हजार करोड़ रुपए की लागत के 28 प्रोजेक्ट्स शामिल है। वहीं लोक निर्माण विभाग के 10 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट शामिल है। केंद्रीय बजट में मध्यप्रदेश की सीखो कमाओ की तर्ज पर स्कीम की घोषणा हुई है। इससे रजिस्टर्ड करीब 9 लाख युवाओं को इंडस्ट्री में काम मिलने की उम्मीद है। केंद्र सरकार ने बजट में 1 करोड़ युवाओं को 5 साल में स्किल्ड करने की घोषणा की है। साथ ही ये भी कहा है कि 1 हजार इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट अपग्रेड किए जाएंगे।
अगस्त 2023 में एमपी सरकार युवाओं के लिए 8 से 10 हजार रुपए महीने की पेड इंटर्नशिप स्कीम लॉन्च की थी। इसमें एमपी के 9.27 लाख युवाओं ने रजिस्ट्रेशन किया था, लेकिन बजट की कमी के चलते 17584 युवाओं को ही काम मिल पाया। मुख्यमंत्री डा.मोहन यादव ने अफसरों से कहा है कि भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर में स्ट्रीट वेंडर्स मार्केट बनाने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजें। उन्होंने कहा कि इससे स्ट्रीट वेंडरों को फायदा होगा। साथ ही शहरी इलाके में आम लोगों की सुविधा के नए हाट खुलने से स्ट्रीट वेंडरों के लिए नए अवसर पैदा होंगे। पीएम स्वनिधि योजना से 5 साल में 100 शहरों में भारतीय स्ट्रीट मार्केट खोले जाने की घोषणा की गई है। यानी सालाना 20-20 भारतीय स्ट्रीट मार्केट खोले जाएंगे। हालांकि, यह तय नहीं किया गया है कि यह शहर कौन से होंगे।
नेचुरल फार्मिंग को बढ़ावा देने के लिए 10 हजार बायो रिसर्च सेंटर बनाए जाएंगे। इस योजना के तहत केंद्र सरकार अगले 2 साल में एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए मदद देगी। इसे ग्राम पंचायतों के जरिए लागू किया जाएगा। फसलों के उत्पादन, भंडारण और विपणन को मजबूत बनाया जाएगा। इसके साथ ही सब्जी उत्पादन और आपूर्ति श्रृंखला के लिए क्लस्टर विकसित किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने अफसरों से कहा है कि दोनों योजनाओं का प्रस्ताव जल्दी से जल्दी बनाकर केंद्र सरकार को भेजे। ताकि मध्य प्रदेश के किसानों को ज्यादा से ज्यादा फायदा हो।
आदिवासी समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान शुरू करने का बजट में ऐलान हुआ। इसमें 63,000 गांवों को कवर किया जाएगा और 5 करोड़ आदिवासी परिवारों को फायदा मिलेगा। मप्र में आदिवासी बहुल 89 ब्लॉक है। मप्र सरकार इस योजना का लाभ लेने के लिए प्रस्ताव बनाकर केंद्र सरकार को भेजेगी। इसके बाद ही इस योजना की राशि प्रदेश को मिल पाएगी।
नियमित बजट के अलावा केंद्र से जिन योजनाओं या परियोजनाओं के लिए राशि आती है, उसका सही उपयोग हो, यह देखना जरूरी होता है। सीएजी की रिपोर्ट से लेकर अन्य रिपोर्ट भी यह बताती हैं कि तमाम परियोजनाओं की राशि का या तो उपयोग ही शुरू नहीं हो पाता है या फिर आधी-अधूरी राशि खर्च की जाती है। इससे तमाम राशि लैप्स भी हो जाती है। एक बात और देखी गई है, वो ये कि ज्यादातर बजट की राशि साल के आखिरी में ही जारी की जाती है। यही नहीं, कई मदों की राशि अन्य मदों में खर्च कर दी जाती है। इसके चलते आगे समस्या हो जाती है। इसलिए जो भी बजट मिला है, उसका समय पर और सही उपयोग किया जाए, सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा। इसके लिए जिम्मेदारी भी तय की जानी चाहिए।
– संजय सक्सेना

Exit mobile version