Edirorial : एक्जिट पोल के अनुमान…!

पिछले लोकसभा से लेकर तमाम विधानसभा चुनावों में अधिकांश एक्जिट पोल फेल ही साबित हुए, इसके बाद भी अनुमानों की रेल रुकने को तैयार नहीं। कल शाम को तमाम चैनलों में फिर से एक्जिट पोल की बहार आई हुई थी और इस पर बहस भी चलती रही। महाराष्ट्र में लगभग सभी एग्जिट पोल ने बीजेपी के अगुवाई वाले ग्रैंड अलायंस यानी महायुति को बढ़त दिखाई है, वहीं झारखंड में भी भाजपा की बढ़त दिखाई गई है। खास बात यह रही कि सी वोटर और एक्सिस माय इंडिया ने कल महाराष्ट्र के एक्जिट पोल जारी नहीं किए, झारखंड को लेकर दोनों के अनुमान अलग-अलग आते दिख रहे हैं।
परिणाम आने में दो दिन हैं, लेकिन लगातार फ्लाप होने के बाद भी एक्जिट पोल की गाड़ी चल रही है। चूंकि चर्चा हो रही है, इसलिए इस पर नजर डालना भी जरूरी है। महाराष्ट्र की बात करें तो विधानसभा चुनावों की वोटिंग खत्म होने के बाद आए एग्जिट पोल में स्पष्ट तौर पर महायुति को बहुमत हासिल करने का अनुमान व्यक्त किया है। 23 नवंबर को वास्तविक नतीजों में सरकार महायुति की बने या फिर महाविकास आघाड़ी की महाराष्ट्र में पवार का दबदबा कायम रह सकता है। एग्जिट पोल में अजित पवार को कम से कम 18 से 22 सीटें जीतने का अनुमान व्यक्त किया है। वहीं दूसरी तरफ एमवीए के घटक शरद पवार की पार्टी के 38 से 42 सीटें मिलने का अनुमान है।
साफ जाहिर है कि दोनों ही गठबंधनों में एनसीपी के दो धड़ों की भूमिका अहम रह सकती है। ऐसा अनुमान एग्जिट पोल में सामने आया है। मैटराइज ने अपने सर्वे में महायुति को 150 से 170 सीटें मिलने का अनुमान व्यक्त किया है ऐसी स्थिति में बीजेपी और शिवेसना महायुति की सरकार बनने पर थोड़ी मजबूत स्थिति में हो सकते हैं अगर महायुति के तीन घटक मिलकर 145 से 150 सीटें हासिल करते हैं तो अजित पवार किंग मेकर की भूमिका में रहेंगे। पिछले साल जुलाई में अजित पवार के साथ 41 विधायकों ने शरद पवार का साथ छोड़ा था।
लोकसभा चुनावों की तरह की पश्चिम महाराष्ट्र में शरद पवार की पार्टी अच्छा करती हुई दिख रही है। अगर पवार पार्टी के दो फाड़ होने के बाद भी 30 से अधिक विधायक लेकर आते हैं तो वह विपक्ष में अपनी स्थिति मजबूत रखेंगे। अगर हरियाणा की तरह एग्जिट पोल में उलटफे हुआ और विदर्भ के साथ पश्चिम महाराष्ट्र में एमवीए ने ज्यादा अच्छा प्रदर्शन किया तो पवार की हैसियत सत्ता मिलने की स्थिति में मजबूत होगी। शरद पवार की नई पार्टी ने लोकसभा में कुल 10 सीटों पर चुनाव लड़ा था। इसमें आठ पर जीत हासिल की थी।
लोकशाही मराठी-रुद्रा रिसर्च एंड एनालिसिस ने अपने सर्वे में महायुति को मामूली बढ़त दी है। महायुति और महाविकास आघाड़ी को लगभग बराबरी पर रखने वाले इस इकलौते एग्जिट पोल ने वोट प्रतिशत का भी अनुमान लगाया है। इसमें बीजेपी को 23 प्रतिशत, शिवसेना को 11 प्रतिशत और अजित पवार की अगुवाई वाली एनसीपी को सात फीसदी वोटों का अनुमान है। इसी प्रकार एमवीए में कांग्रेस को 14 प्रतिशत, शिवसेना यूबीटी को 12 प्रतिशत और शरद पवार की एनसीपी को भी 12 प्रतिशत वोट मिलने का अनुमान है। मनसे को 2 प्रतिशत और अन्य के खाते में 16 फीसदी वोट जाने का अनुमान है।
एक्सिस माय इंडिया ने महाराष्ट्र का एक्जिट पोल जारी नहीं किया, लेकिन झारखंड के एग्जिट पोल में इंडिया अलायंस यानी जेएमएम की अगुवाई में सरकार बनने की भविष्यवाणी की है। सी-वोटर ने अपने एग्जिट पोल में एनडीए की सरकार बनने का अनुमान व्यक्त किया है। सी-वोटर के प्रमुख यशवंत देशमुख ने हालांकि यह कहा है कि 20 सीटों पर कुछ भी हो सकता है। सी-वोटर का महाराष्ट्र का एग्जिट पोल कब रिलीज होगा, इसकी जानकारी सामने नहीं आई लेकिन एक्सिस मॉय इंडिया ने महाराष्ट्र का एग्जिट पोल आज शाम साढ़े छह बजे रिलीज करने का ऐलान किया है। सूत्रों से जो जानकारी सामने आई है। उसके अनुसार दोनों एजेंसी ने राज्य की करीब 40 से 60 सीटों पर बेहद करीबी मुकाबला होने के कारण एग्जिट पोल रिलीज नहीं किया। सटीक आकलन के लिए दोनों एजेंसियों ने एक दिन का और समय लिया।
एक्सिस माय इंडिया झारखंड के एग्जिट पोल में एनडीए को 37 फीसदी वोटों के साथ 17 से 27 सीटें और इंडिया अलायंस को 45 फीसदी वोटों के साथ 49 से 59 सीटें मिलने का अनुमान लगाया है। झारखंड विधानसभा में कुल सीटों की संख्या 81 है। हालांकि दूसरी सभी एग्जिट पोल ने एनडीए की सरकार का दावा किया है ऐसे में एक्सिस माय इंडिया का महाराष्ट्र को लेकर अनुमान होगा। इस पर सभी की नजरें टिक गई हैं।
महाराष्ट्र में अभी तक आए एग्जिट पोल में महायुति की सत्ता बरकरार रहने का अनुमान व्यक्त किया गया है। राज्य की विधानसभा में कुल सीटों की संख्या 288 है। सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 145 सीटों का है। एक बार फिर देखना होगा कि एक्जिट पोल कितने सफल होते हैं। अब चर्चाओं में तो बहुत सारी बातें सामने आती हैं। आरोप ये भी हैं कि कुछ एक्जिट पोल प्रायोजित भी कराये जाते हैं। अब सच तो वही जानें, लेकिन पिछले कुछ चुनावों से एक्जिट पोल फेल होने का सिलसिला बना हुआ है, सो अब इन पर बहुत विश्वास नहीं किया जा सकता। तेईस का ही इंतजार रहेगा।
– संजय सक्सेना

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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