Editorial: निशाने पर बॉलीवुड…?

गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई-गोल्डी बरार का निशाना बॉलीवुड है? क्या उसका अब बॉलीवुड  पर राज का इरादा है? और क्या उन्हें राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता बाबा सिद्दीकी का बॉलीबुड पर राज पसंद नहीं आ रहा था? ये चंद सवाल उठ रहे हैं बाबा सिद्दीकी की हत्या से। असल में बाबा सिद्दीकी मुंबई के फिल्म जगत में अच्छी पैठ रखते थे। ये भी कहा जा रहा है कि बाबा ने अंडरवल्र्ड से कुछ लोगों को लेन-देन कर बचाया भी है। विदेश में बैठे गोल्डी बरार ने बाबा सिद्दीकी हत्या के आदेश दिए थे। बाबा सिद्दीकी की हत्या में गिरफ्तार किया गया युवक गुरमेल बलजीत सिंह गोल्डी बरार का खास गुर्गा है।
असल में बालीबुड पर हमेशा से अंडरवल्र्ड की नजर रही है। दाउद इब्राहीम की दहशत बरसों तक बालीबुड पर रही। बाला साहेब ठाकरे ने कई लोगों को शरण दे रखी थी, ऐसा कहा जाता है। बालीबुड की तमाम हस्तियां अंडरवल्र्ड के निशाने पर रही हैं और वर्तमान में एक बार फिर बालीबुड में दहशत फैलाने के प्रयास शुरू हो गए हैं।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के अनुसार ये बात सामने आ रही है कि एनसीपी नेता को मारने चार शूटर गए थे। मुंबई पुलिस ने झज्जर, हरियाणा निवासी गुरमेल बलजीत सिंह और गांव गडारी, थाना कैसरगंज, बहराईच यूपी निवासी धर्मराज राजेश कश्यप को गिरफ्तार कर लिया है। इनकी उम्र बहुत कम है। इसमें यूपी का तीसरा शूटर और पंजाब के जालंधर का अख्तर फरार है। मुंबई पुलिस ने अख्तर के पंजाब व यूपी में कई जगह दबिश दी है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की एक टीम पंजाब व दूसरी यूपी में दबिश दे रही है।
अख्तर पंजाब के जालंधर का रहने वाला है। गोल्डी बरार भी यही का रहने वाला है। एक बार अख्तर के पिता का किसी से झगड़ा हुआ था। जब गोल्डी ने उसे कहा था कि वह उसके पिता के बदला लेने में सहायता करेगा। पिता की हत्या का बदला लेने के बाद बाद अख्तर गोल्डी के लिए काम करने लगा। वह गोल्डी के संपर्क में लगातार रहता था। वह गोल्डी से बहुत ज्यादा संपर्क में रहता था। स्पेशल सेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अख्तर व बाबा सिद्दीकी की हत्या में गिरफ्तार गुरमेल बलजीत सिंह हरियाणा की कैथल जेल में एक साथ बंद थे। यहां पर दोनों की गहरी दोस्ती हो गई थी। छह महीने पहले ही अख्तर जेल से बाहर आया था। पुलिस अधिकारियों के अनुसार गुरमेल अख्तर के बिना पैर तक नहीं उठाता था। ऐसे में ये माना जा रहा है कि गोल्डी ने अख्तर को बाबा की हत्या के आदेश दिए। अख्तर के साथ गुरमेल मुंबई गया था। इससे ये स्पष्ट है कि लॉरेंस बिश्रोई व गोल्डी बरार ने एनसीपी की नेता की हत्या करवाई है। दिल्ली पुलिस अधिकारियों के अनुसार शुरूआती जांच में ये सामने आई कि एनसीपी नेता को मारने गए चारों लडक़े 15 से 20 दिनों से अपने घरों से गायब थे। इन्होंने हत्या की तैयार एक महीने पहले शुरू कर दी थी।
गुजरात जेल में बंद लॉरेंस बिश्रोई बॉलीबुड़ पर अंडरवल्र्ड के राज व खौफ को पूरी तरह खत्म करना चाहता है। लेकिन लॉरेंस खुद अब बॉलीवुड पर खुद राज करना चाहता है, ताकि उसे मोटी रकम मिल सके। ऐसे में जो फिल्म जगत में पैठ रखता है और किसी तरह के मामलों को निपटाते हैं, लॉरेंस को लगता है कि वह अंडरवल्र्ड से जुड़े हुए हैं। कहा तो यह भी जा रहा है कि सलमान खान की बाबा सिद्दीकी से मित्रता भी लारेंस को खटक रही थी।
सवाल ये भी उठता है कि मुम्बई की तेज तर्रार पुलिस को इस सुनियोजित हत्या की भनक तक नहीं लग पाई। और जब बालीबुड लारेंस के निशाने पर है, तो उसने अपने कई अन्य लोगों को भी मुम्बई और उसके इर्द गिर्द पहुंचा दिया होगा। वैसे जिस तरह से हत्या हुई है, ऐसा लगता है कि इस मामले में राजनीतिक हस्तक्षेप भी हुआ है। इसके कोई प्रमाण तो नहीं हैं, लेकिन महाराष्ट्र चुनाव की तैयारियों के मौके पर बाबा सिद्द्ीकी की हत्या का एक एंगिल राजनीतिक भी हो सकता है, ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है।
कुछ भी हो, इस सुनियोजित हत्या ने जहां महाराष्ट्र और विशेषकर मुम्बई पुलिस पर सवालिया निशान लगाए हैं, वहीं बालीबुड को एक बार फिर दहशत में डालने का प्रयास भी किया है। दाउद की दहशत कम होने के बाद बालीबुड थोड़ी राहत महसूस कर रहा था। अब देखना होगा कि सरकार और पुलिस अपने खुफिया तंत्र को एक्टिव कर कितनी सूचनाएं एकत्र कर पाते हैं? और उन्हें कितनी सफलता मिलती है? यदि इसमें भी राजनीति का वास्तव में प्रवेश हो गया तो फिर भगवान ही मालिक है। इससे चुनाव की दिशा भी बदल सकती है।
– संजय सक्सेना

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