Supreme court: कौन हैं बुल्डोजर एक्शन पर सवाल उठाने वाले जज? खुद रह चुके हैं किराये के घर में…!

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन पर सवाल उठाया है और कड़ी टिप्पणी की है. जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने कहा कि आखिर किसी का घर सिर्फ इसलिए कैसे गिराया जा सकता है कि वह किसी मामले में आरोपी है. जस्टिस गवई ने पूछा कि अगर कोई शख्स किसी मामले में दोषी भी है, तो भी निर्धारित कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बगैर उसका घर कैसे गिराया जा सकता है? सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अब वह खुद बुलडोजर एक्शन पर गाइडलाइन देगा।

जस्टिस केवी विश्वनाथन 200 रुपये के किराये के कमरे में रहे
पहले बात करते हैं जस्टिस केवी विश्वनाथन की. 26 मई 1966 को जन्में जस्टिस विश्वनाथन मूल रूप से तमिलनाडु के पोलाची के रहने वाले हैं. उनकी शुरुआती पढ़ाई-लिखाई पोलाची में ही हुई. इसके बाद कोयंबटूर लॉ कॉलेज में दाखिला ले लिया और फर्स्ट रैंक के साथ भी एलएलबी की डिग्री हासिल. लॉ की पढ़ाई के बाद जस्टिस विश्वनाथन ने बार काउंसिल ऑफ तमिलनाडु में रजिस्ट्रेशन कराया और 1988 में वकालत की प्रैक्टिस शुरू की।
जस्टिस विश्वनाथन कुछ दिनों बाद दिल्ली आ गए. एक इंटरव्यू में जस्टिस विश्वनाथन कहते हैं कि दिल्ली आने के बाद उन्होंने आरके पुरम में एक दोस्त के साथ मिलकर किराये का कमरा लिया. जिसका भाड़ा 200 रुपये महीना था. उनका कमरा मुरूगन टेंपल के करीब था और महालिंगम मेस में खाना खाते थे. बाद में वहां से मोहम्मदपुर गांव में शिफ्ट हो गए और तीन दोस्तों के साथ कमरा शेयर किया।

वकालत से जज तक का सफर
दिल्ली में जस्टिस केवी विश्वनाथन ने पहले एडवोकेट सीएस वैद्यनाथन का चैंबर ज्वाइन किया, जो पूर्व एडिशनल सॉलिसिटर जनरल रहे चुके हैं. फिर 1990 में सीनियर एडवोकेट और पूर्व अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल के साथ काम करने लगे. साल 2009 में उन्हें सीनियर एडवोकेट नियुक्त किया गया और फिर साल 2013 में एडिशनल सॉलिसिटर जनरल भी बने. सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने मई 2023 में केवी विश्वनाथन को सुप्रीम कोर्ट का जज बनाने की सिफारिश की. सरकार ने सिफारिश मंजूर कर ली और 19 मई 2023 को वह सुप्रीम कोर्ट के जज नियुक्त हुए. सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में वह दसवें वकील हैं, जिन्हें बार से सीधे बेंच में नियुक्त किया गया।

जस्टिस केवी विश्वनाथन बनेंगे CJI

नॉन फिक्शन किताबें पढ़ने के शौकीन जस्टिस केवी विश्वनाथन चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया बनने की कतार में भी हैं. वह अगस्त 2030 में देश के 58वें सीजेआई बनेंगे और करीब 10 महीने कुर्सी पर रहेंगे. दिलचस्प बात यह है कि जस्टिस विश्वनाथन तमिलनाडु के तीसरे शख्स होंगे जो सीजेआई की कुर्सी संभालेंगे. उनसे पहले जस्टिस एम. पतंजलि शास्त्री और जस्टिस पी सतशिवम सीजेआई रह चुके हैं.

जस्टिस बीआर गवई


अब बात करते हैं बुलडोजर एक्शन पर तीखी टिप्पणी करने वाले दूसरे जज जस्टिस बीआर गवई (Justice BR Gavai) की. 24 नवंबर 1960 को अमरावती में जन्में बीआर गवई के पिता आरएस गवई महाराष्ट्र के कद्दावर नेता और रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के संस्थापक थे. वह सांसद और फिर बिहार और केरल के राज्यपाल रहे. जस्टिस गवई ने 25 साल की उम्र में बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच में लॉ की प्रैक्टिस शुरू की और 1990 तक यहां रहे।

बीआर गवई (Justice BR Gavai) को 14 नवंबर 2003 को उन्हें बॉम्बे हाई कोर्ट का जज नियुक्त किया गया और फिर 12 नवंबर 2005 को यहीं परमानेंट जज बना दिया गया.  24 मई 2019 को उनका तबादला सुप्रीम कोर्ट में बतौर जज हुआ।

एससी कैटेगरी के दूसरे CJI होंगे
अगर सीनियॉरिटी प्रिंसिपल यानी वरिष्ठता के सिद्धांत का पालन किया जाता है तो जस्टिस बीआर गवई भी चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया बनने की कतार में हैं. वह 14 मई 2025 को सीजेआई बनेंगे और 23 नवंबर 2025 को रिटायर होंगे. जस्टिस गवई, सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में दूसरे ऐसे सीजेआई होंगे जो शेड्यूल कास्ट से आते हैं. उनसे पहले सिर्फ जस्टिस बालकृष्णन, एससी कैटेगरी से आने वाले सीजेआई रह चुके हैं।

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

Related Articles