UP: DGP पद पर मेरी नियुक्ति गैरकानूनी थी… पुलिस के पूर्व मुखिया सुलखान सिंह का सनसनीखेज दावा..

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पुलिस विभाग के मुखिया यानी कि पुलिस महानिदेशक (DGP) के चयन का मामला एक बार फिर से सुखियों में है। योगी कैबिनेट की तरफ से नई नियमावली के मुताबिक अब यूपीएससी की बजाए राज्य स्तर से ही डीजीपी का चयन किया जा सकेगा। अब यूपी के डीजीपी रह चुके सुलखान सिंह (Sulkhan Singh) ने यह स्वीकार किया है कि इस पद पर चयन के लिए यूपी में जो कमिटी है, वो निष्पक्ष नहीं है। साथ ही सुलखान ने यह भी स्वीकार कर लिया कि डीजीपी पद पर उनका अपॉइंटमेंट अवैध था।

एक न्यूज चैनल पर डिबेट में शामिल सुलखान सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 2019 के आदेश में स्पष्ट तौर पर कहा है कि कोई भी सरकार ऐक्टिंग डीजीपी बनाने की बात को दिमाग में भी ना लाए। लेकिन इसको कोई भी नहीं सुन रहा है। 1980 बैच के आईपीएस अफसर सुलखान सिंह उत्तर प्रदेश में 37 साल की सेवा के बाद 31 दिसंबर 2017 को पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश के पद से सेवानिवृत हुए।

खुद की नियुक्ति को बताया नियम का उल्लंघन
अपनी नियुक्ति को लेकर सुलखान ने कहा कि मेरी नियुक्ति के लिए यूपीएससी में नाम नहीं भेजा गया था। बस अपॉइंट कर दिए गए तो बन गए। मैं उस समय सबसे सीनियर था, इसलिए किसी ने इस पर सवाल नहीं किया। डीजीपी की नियुक्ति में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन ही होता है। टेक्निकली मेरा अपॉइंटमेंट भी उल्लंघन ही था। लेकिन अगर यूपीएससी से भेजा जाता तो मेरा नाम सबसे ऊपर रहता ही।

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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