DOPT: 2026 तक बढ़ाया गया विदेश सचिव विक्रम मिसरी का कार्यकाल
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने विदेश सचिव विक्रम मिसरी का कार्यकाल 14 जुलाई 2026 तक बढ़ा दिया है। कार्मिक मंत्रालय ने सोमवार को एक आदेश जारी कर यह जानकारी दी। विक्रम मिसरी 1989 बैच के आईएफएस अधिकारी हैं और 15 जुलाई को उन्होंने विदेश सचिव का पदभार संभाला था।
मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने विक्रम मिसरी को उनके रिटायरमेंट के बाद भी सेवा विस्तार देने का फैसला किया है। आदेश के मुताबिक मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने विदेश सचिव के रूप में मिस्री के कार्यकाल को 30 नवंबर को उनकी सेवानिवृत्ति की तारीख से आगे 14 जुलाई 2026 तक या अगले आदेश तक, जो भी पहले हो, एफआर 56 (डी) के प्रावधानों के अनुसार बढ़ाने को मंजूरी दे दी है।
मिसरी भारतीय विदेश सेवा (IFS) के 1989 बैच के अधिकारी हैं। उन्होंने 15 जुलाई 2024 को विदेश सचिव का पदभार ग्रहण किया था। हाल ही में, उनका कार्यकाल 2026 तक बढ़ा दिया गया है। विक्रम मिस्री ने अपने करियर में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। वे म्यांमार, स्पेन और चीन में भारत के राजदूत रह चुके हैं। इसके अलावा, उन्होंने तीन भारतीय प्रधानमंत्रियों – इंद्र कुमार गुजराल, मनमोहन सिंह और नरेंद्र मोदी – के निजी सचिव के रूप में भी कार्य किया है। उनकी सबसे हालिया भूमिका राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय में उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (Deputy NSA) के रूप में थी। चीन के साथ गलवान घाटी विवाद के दौरान भी उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
विक्रम मिसरी का जन्म 7 अप्रैल 1964 को जम्मू कश्मीर में हुआ था। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा सिंधिया स्कूल से प्राप्त की। उन्होंने दिल्ली के हिंदू कॉलेज से ग्रेजुएशन पूरा किया और बाद में एमबीए भी किया। हालांकि, विक्रम मिस्री ने अपना करियर पथ बदलकर सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी की और सफलतापूर्वक IFS अधिकारी बने। 1989 बैच के IFS अधिकारी के रूप में, विक्रम मिसरी ने विदेश मंत्रालय में अंडर सेक्रेटरी से लेकर डायरेक्टर तक कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। विक्रम मिसरी ने सिविल सेवा परीक्षा पास करने से पहले दिल्ली के हिंदू कॉलेज से स्नातक और एमबीए किया।