Supreme Court की सख्त टिप्पणी: IAS अधिकारी IPS और IFS अधिकारियों पर हमेशा रौब दिखाते हैँ…

नई दिल्ली। वन संरक्षण कानून से जुड़े मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी भारतीय पुलिस सेवा और भारतीय वन सेवा अधिकारियों पर अपनी श्रेष्ठता साबित करने का प्रयास करते हैं। SC ने एक तरफ IAS अधिकारियों और दूसरी तरफ आइपीएस तथा आइएफएस अधिकारियों के बीच चल रहे संघर्ष पर नाराजगी जाहिर करते हुए यह टिप्पणी की।


IAS अधिकारी IPS और IFS अधिकारियों पर वर्चस्व दिखाना चाहते हैं
जस्टिस बीआर गवई और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने वन संरक्षण कानून से जुड़े मामले की सुनवाई कर रही थी। इस दौरान जस्टिस गवई ने कहा कि 3 वर्ष तक सरकारी वकील रहने तथा 22 वर्ष तक एक न्यायाधीश के रूप में अपने अनुभव के आधार पर मैं बता सकता हूं कि आइएएस अधिकारी आइपीएस और आइएफएस अधिकारियों पर अपना वर्चस्व दिखाना चाहते हैं।

अप्रैल में होगी अगली सुनवाई
उन्होंने कहा कि आइपीएस और आइएफएस अधिकारियों में हमेशा इस बात की खीझ बनी रहती है कि वे एक समान हैं, फिर भी आइएएस अधिकारी उनके साथ वरिष्ठों जैसा व्यवहार क्यों करना चाहिए?

अधिकारियों के बीच कोई संघर्ष नहीं-तुषार मेहता
इस पर भारत सरकार के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जब दावा किया कि IAS, आइपीएस और आइएफएस अधिकारियों के बीच ऐसा कोई संघर्ष नहीं है, तो जस्टिस गवई ने असहमति जताते हुए कहा कि इस विवाद को खत्म किया जाना चाहिए। मामले में अगली सुनवाई अप्रैल में होगी।
धारणा दूर करने का प्रयास करेंगे
कोर्ट पर्यावरण से जुड़े एक मामले की सुनवाई कर रहा था। इस दौरान आइएएस अधिकारियों द्वारा वन अधिकारियों को अपने आदेश का पालन करने के लिए कहने का मुद्दा उठा। पीठ की टिप्पणी के बाद मेहता ने कहा कि वह शीर्ष न्यायालय के मन में बनी धारणा को दूर करने का प्रयास करेंगे।

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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