High court जज की पाकिस्तान वाली टिप्पणी पर आज फिर बरसा सुप्रीम कोर्ट

बेंगलुरु। कर्नाटक हाई कोर्ट के एक जज द्वारा बेंगलुरु की एक कॉलोनी को ‘पाकिस्तान’ कहकर संबोधित किए जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को फिर तीखी टिप्पणी की। इस केस की सुनवाई के आखिरी दिन शीर्ष अदालत ने कहा कि ऐसी टिप्पणी तो भारत की ही संप्रभुता के खिलाफ है। जज ने मुस्लिम बहुल गोरी पाल्या इलाके को ‘पाकिस्तान’ कहकर संबोधित किया था। इसी पर 5 जजों की सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा, ‘कोई भी भारत के किसी हिस्से को पाकिस्तान नहीं कह सकता। यह तो भारत की संप्रभुता के ही खिलाफ है।’

बेंच ने कहा कि जजों को डिजिटल युग में बात करते हुए सावधानी बरतनी चाहिए। आज हर चीज की लाइव स्ट्रीमिंग होती है और उस पर लोग करीबी नजर रखते हैं। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच में जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस भूषण आर. गवई, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस ऋषिकेश रॉय शामिल थे। हालांकि अदालत ने हाई कोर्ट जज की ओर से कार्यवाही के दौरान माफी मांगने पर भी संज्ञान लिया। उन्होंने कहा कि ऐसा करना न्याय के हित में था। इसके अलावा हाई कोर्ट के सम्मान के लिहाज से भी यह अहम है। इसके साथ ही अदालत ने मामले को सुनवाई समाप्त कर दी, जिसका उसने स्वत: संज्ञान लिया था।

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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