Rahul Gandhi: दिवाली पर राहुल गांधी ने पहले की ‘घर की पुताई’, फिर कुम्हार के घर जाकर बनाए दीये

नई दिल्ली। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को दिवाली का एक वीडियो साझा किया है। जिसमें वे पेंटिंग करने वाले श्रमिकों और कुम्हारों से बातचीत कर रहे हैं। वीडियो में राहुल गांधी ने एक ऐसी व्यवस्था बनाने का आह्वान किया, जिसमें लोगों के कौशल का उनको हक और सम्मान मिले। इस राहुल गांधी ने कहा है कि दिल्ली के लुटियन क्षेत्र स्थित सरकारी आवास ‘10 जनपथ’ उन्हें बहुत ज्यादा पसंद नहीं हैं, क्योंकि यहीं रहते हुए उनके पिता राजीव गांधी की मृत्यु हुई थी।

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नौ मिनट से अधिक लंबे इस वीडियो को यूट्यूब पर पोस्ट करते हुए पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष  राहुल गांधी ने लिखा कि, खास लोगों के साथ एक यादगार दिवाली- मैंने इस दिवाली को कुछ चित्रकार भाइयों के साथ काम करके और एक कुम्हार परिवार के साथ मिट्टी के दीये बनाकर मनाया। इस दौरान वीडियो में राहुल गांधी ने कहा, “मैंने उनके काम को करीब से देखा, उनके कौशल को सीखने की कोशिश की और उनकी कठिनाइयों और समस्याओं को समझा। वे घर नहीं जाते। हम खुशी से त्योहार मनाते हैं और कुछ पैसे कमाने के लिए वे अपने गांव, शहर, परिवार को भूल जाते हैं।

मेरे पिता की मृत्यु यहीं हुई थी, इसलिए मुझे इस घर से प्यार नहीं है’
इस वीडियो में राहुल गांधी अपने भांजे से कहते हैं, ‘यहां मेरे पिता की मौत हुई, इसलिए मुझे यह मकान बहुत ज्यादा पसंद नहीं है। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 21 मई 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में आतंकवादियों ने हत्या कर दी थी। उस वक्त राजीव गांधी का आधिकारिक आवास ‘10 जनपथ’ था। इसके बाद से उनकी पत्नी एवं कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी इसी आवास में रहती हैं। पिछली लोकसभा में एक अदालती फैसले के कारण अपनी सदस्यता जाने के बाद राहुल गांधी ने पिछले साल तुगलक लेन स्थित अपना आवास खाली कर दिया था और इसके बाद से वह अपनी मां के साथ रह रहे हैं।

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महिला कुम्हार के परिवार से मिले राहुल गांधी
वीडियो के दूसरे हिस्से में राहुल गांधी एक महिला के घर जाते हैं जो अपनी पांच बेटियों के साथ मिट्टी के दीये बनाती है। गांधी मिट्टी के बर्तन बनाने की कला को सीखने की कोशिश करते नजर आए। इस दौरान उन्होंने दीये भी बनाए। जिसे वे अपनी मां और बहन को देने की बात कहते दिख रहे हैं। राहुल गांधी ने कहा कि दिवाली का मतलब है रोशनी, जो गरीबी और लाचारी के अंधेरे को दूर कर सकती है। उन्होंने कहा, वे मिट्टी से खुशियां बनाते हैं। दूसरों के त्योहारों को रोशन करते हुए क्या वे खुद रोशनी में रह पाते हैं? घर बनाने वाले मुश्किल से अपना घर चला पाते हैं! उन्होंने कहा, हमें ऐसी व्यवस्था बनानी होगी, जिसमें लोगों के कौशल को उनका हक मिले और सम्मान हो। जिससे सभी की दिवाली खुशहाल हो।मुझे उम्मीद है कि यह दिवाली आप सभी के जीवन में समृद्धि, प्रगति और प्यार लेकर आए।

बता दें कि, कन्याकुमारी से कश्मीर भारत जोड़ो यात्रा और मणिपुर से मुंबई भारत जोड़ो न्याय यात्रा के बाद से राहुल गांधी मैकेनिक और मोची से लेकर मजदूरों और बस चालकों से मुलाकात करते रहे हैं। वे अक्सर अपनी कई बातचीत के वीडियो पोस्ट करते हैं और समाज के विभिन्न वर्गों की दुर्दशा को उजागर करते हैं।

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Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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