भोपाल। मध्यप्रदेश राज्य कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन और उससे जुड़े दुग्ध संघों का प्रबंधन और संचालन अब अगले पांच साल तक राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड द्वारा किया जाएगा। और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड आनंद गुजरात में है। ऐसा माना जा रहा है कि अब मध्यप्रदेश का दूध गुजरात के हाथों में चला गया है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के पास सहकारिता मंत्रालय भी है, इसलिए यह फैसला और मायने रखता है।
लंबे समय से चर्चा चल रही थी कि मध्यप्रदेश का प्रसिद्ध सांची ब्रांड गुजरात के हाथों में चला जाएगा। और हुआ भी ऐसा ही। सांची ब्रांड दूध, दही, मिल्क केक या पेड़े और श्रीखंड के लिए भी खासा लोकप्रिय हुआ है। पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के समय तो इसे उनकी डेयरी के हवाले किया जा रहा था। अब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मौजूदगी में सांची को राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड आनंद के हवाले कर दिया गया है। मंत्रालय में मध्यप्रदेश में डेयरी विकास योजना, दुग्ध उत्पादन बढ़ाने एवं सांची दुग्ध संघ के कार्यों के संबंध में समीक्षा बैठक में भारत सरकार के पशुपालन एवं डेयरी सचिव अलका उपाध्याय, राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड आनंद (गुजरात) के अध्यक्ष एवं प्रबंध संचालक मीनेश शाह भी उपस्थित थे। बैठक में मध्यप्रदेश में दुग्ध उत्पादन एवं एकत्रीकरण तथा सांची दुग्ध संघ के विषय में कार्ययोजना पर विस्तार से चर्चा हुई।
मुख्यमंत्री यादव का कहना है कि मध्यप्रदेश देश के कुल दुग्ध उत्पादन का 9 से 10 प्रतिशत उत्पादन करता है और देश में तीसरे स्थान पर है। प्रदेश के अनेक ग्रामों में किसानों को पशुपालन और दुग्ध उत्पादन के लिए सुविधाएं प्रदान कर प्रदेश को देश में अग्रणी बनाने का प्रयास किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड और भारत सरकार के पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय से इसको लेकर मिल रहे सहयोग पर आभार व्यक्त किया है।
सहकारिता अधिनियम में संशोधन होगा
मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने कहा कि प्रदेश को दुग्ध उत्पादन में अग्रणी बनाकर किसानों और पशुपालकों की आमदनी बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय बोर्ड को दायित्व देने पर सहमति बनी है। आवश्यक हुआ तो इस कार्य के उद्देश्य से सहकारिता अधिनियम में आवश्यक संशोधन की कार्यवाही भी की जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश और राजस्थान के पश्चात मध्यप्रदेश दुग्ध उत्पादन में अग्रणी है। प्रदेश में प्रतिदिन साढ़े पांच करोड़ लीटर दुग्ध उत्पादन हो रहा है। प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता के मामले में मध्यप्रदेश की स्थिति राष्ट्रीय औसत से बेहतर है। जहां देश में प्रति व्यक्ति 459 ग्राम प्रतिदिन दूध की उपलब्धता है वहीं मध्यप्रदेश में यह 644 ग्राम है।
चालीस हजार गांवों में बढ़ाएंगे दूध उत्पादन
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अगले पांच वर्ष में प्रदेश का दुग्ध उत्पादन दोगुना करने का लक्ष्य है। इसके लिए सहकारी आन्दोलन को मजबूत करने और किसानों एवं पशुपालकों को लाभान्वित करने की दिशा में कार्य होगा। प्रदेश के करीब चालीस हजार ग्रामों में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के प्रयास होंगे। वर्तमान में 10 से 15 हजार ग्रामों में दुग्ध उत्पादन की स्थिति संतोषजनक है। शेष ग्रामों में विभिन्न उपायों से दुग्ध उत्पादन में वृद्धि के प्रयास किए जाएंगे। प्रारंभ में सचिव भारत सरकार अलका उपाध्याय और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के अध्यक्ष शाह ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव का स्वागत किया। राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड की ओर से प्रजेंटेशन दिया गया।