IPS: राजा भैया को गिरफ्तार किया, योगी पर लगाई रासुका, अब चली गई नौकरी
लखनऊ। जिसने राजा भैया को गिरफ्तार किया, योगी पर रासुका लगा, लेकिन बाद में सस्पेंड हो गया और उसके बाद तो उसे सरकार ने सेवामुक्त ही कर दिया।
आपको बता दें कि इस आईपीएस अधिकारी का नाम जसबीर सिंह है. वह 1992 बैच के आईपीएस हैं. मूल रूप से पंजाब के होशियारपुर के रहने वाले जसबीर सिंह ने पहले सिविल इंजीनियरिंग में बीई की डिग्री ली. उसके बाद संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सर्विसेज परीक्षा (Civil Services Exam) की तैयारी की. आखिरकार वर्ष 1991 में उन्हें यूपीएससी परीक्षा में सफलता मिल गई और उनका सेलेक्शन आईपीएस पद के लिए हो गया. उन्हें उत्तर प्रदेश कैडर का आईपीएस बनाया गया. यूपी पुलिस (UP Police) में उनकी नियुक्ति 5 सितंबर 1993 को हुई।
बाहुबलियों पर की कार्रवाई
जसबीर सिंह उस समय भी चर्चा में रहे, जब वह प्रतापगढ़ के पुलिस अधीक्षक थे. वर्ष 1997 में तब यूपी में बसपा की सरकार थी और मायावती सीएम थी. उस समय उन्होंने तमाम बाहुबलियों पर कार्रवाई की थी. इस लिस्ट में प्रतापगढ़ के बाहुबली रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया का भी नाम था. तत्कालीन पुलिस अधीक्षक जसबीर सिंह ने ही राजा भैया को गिरफ्तार किया था. मायावती ने तब इस काम के लिए ईमानदार अफसर जसबीर सिंह को चुना था, लेकिन बसपा की सरकार जाने के बाद ही जसबीर सिंह के हर महीने तबादले होने लगे. आरोप यह भी लगा कि उनकी प्रमोशन की फाइल भी रोक दी गई।
आईपीएस अधिकारी जसबीर सिंह वर्ष 2002 में उस समय चर्चा में आए, जब उन्होंने महाराजगंज एसपी रहते हुए योगी आदित्यनाथ पर रासुका लगाने की संस्तुति की थी. उस समय भी उन पर कई तरह के आरोप लगे थे. एडीजी होमगार्ड रहते हुए भी उन्होंने भ्रष्टाचार का मामला उठाया था, जिसके बाद उन्हें दूसरे विभाग में भेज दिया गया.
2019 में हो गए निलंबित
आईपीएस जसबीर सिंह को 14 फरवरी 2019 को निलंबित कर दिया गया, जिस समय जसबीर सिंह को निलंबित किया गया. उस समय वह एडीजी रूल्स एंड मैन्युअल के पद पर तैनात थे. निलंबन के पीछे शासन ने उनके बिना सूचना छुट्टी पर जाने का कारण बताया था, लेकिन बताया जाता है कि जसबीर सिंह ने एक इंटरव्यू दिया था, जिसमें उन्होंने सरकार पर बिना काम के सैलेरी देने का आरोप लगाया था. उन्होंने अपने विभाग को लेकर टिप्पणी की थी कि वहां स्टाफ को बैठाकर बेवजह वेतन दिया जा रहा है. जब इस संबंध में शासन ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा, तो वह लीव पर चले गए।
अब कर दिया गया सेवामुक्त
आईपीएस जसबीर सिंह के निलंबन को पांच साल से भी अधिक समय हो गए थे. ऐसे में अब सरकार ने उन्हें नवंबर 2024 में सेवामुक्त कर दिया, हालांकि सरकार के इस फैसले के खिलाफ उन्होंने राष्ट्रपति के यहां अपील की है. बताया जाता कि उनके जवाब से संतुष्ट न होने के कारण शासन ने यह निर्णय लिया एडीजी जसबीर सिंह को निलंबन के दौरान आधी तनख्वाह मिल रही थी, लेकिन अब सेवामुक्त होने के बाद उन्हें कोई वेतन नहीं मिलेगा।