Indian Railways: इस ट्रेन ने द‍िया 63 करोड़ का घाटा, रोजाना खाली रह जाती हैं सैकड़ों सीट

द‍िल्‍ली से चलने वाली एक ट्रेन ने पूरे 63 करोड़ रुपये का नुकसान द‍िया है. सुनने के बाद शायद आपको पहली बार इस पर यकीन न हो लेक‍िन यही सच है. रेलवे की तरफ से तेजस ट्रेनों का संचालन निजी ऑपरेटर्स को सौंपा गया था. फ‍िलहाल दिल्ली से लखनऊ और मुंबई से अहमदाबाद के बीच तेजस ट्रेनों का संचालन क‍िया जाता है।

साल 2022 में आईआरसीटीसी की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार ये दोनों ही ट्रेनें घाटे में चल रही हैं. साल 2022 के आंकड़े के अनुसार द‍िल्‍ली से लखनऊ वाया कानपुर सेंट्रल तेजस ट्रेन 27.52 करोड़ के घाटे में चल रही है. यात्री नहीं म‍िलने और लगातार घाटे के कारण तेजस ट्रेन के फेरे भी घटा द‍िये गए थे. पहले हफ्ते में छह दिन चलने वाली इस ट्रेन को बाद में चार ही द‍िन कर द‍िया गया।

ट्रेन के घाटे का कारण इसकी रोजाना 200 से 250 सीटें खाली रहना है. इसकी सीटें इसल‍िए खाली रह जाती हैं क‍ि इसके आगे राजधानी और शताब्दी एक्‍सप्रेस चलती हैा. इन दोनों का किराया तेजस से कम है लेक‍िन सुव‍िधाओं के मामले में ये तेजस से कम नहीं हैं. ऐसे में यात्री तेजस को व‍िकल्‍प के रूप में ही रखते हैं.

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कोरोना के बाद तेजस की फ्रीक्वेंसी कम-ज्‍यादा की गई. यात्री कम होने पर साल 2019 से 2022 के बीच इसका अस्थायी रूप से 5 बार परिचालन बंद किया गया था. लखनऊ-नई दिल्ली रूट पर तेजस को 2019-20 में 2.33 करोड़ का फायदा हुआ था. लेक‍िन इसके बाद 2020-21 में 16.69 करोड़ रुपये का घाटा और साल 2021-22 में 8.50 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था.

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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